इस हंगामे के बीच यह खबर भी सामने आई है कि रेत की तस्करी में वार्ड के पार्षद की भूमिका संदिग्ध है। गांव की महिलाएं इस कदर आक्रोशित थीं कि पुलिस के वाहन के सामने बैठ गईं। तनाव की स्थिति को देखते हुए गांव में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को गांव में कबीर जयंती का कार्यक्रम था। कड़ा बंद त्यौहार मना रहे थे। गोली चलने की खबर से गांव में तनाव की स्थिति बन गई थी।
जेसीबी लेकर पहुंचे थे
ग्रामीणाें का गांव से बाहर जाने पर प्रतिबंध था। इस बीच कुछ ग्रामीणों को जानकारी मिली कि बाहरी लोग शिवनाथ नदी से रेत की चोरी करने पहुंचे हैं। रेत घाट में जेसीबी लगाकर निकासी की तैयारी कर रहे थे कि ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। पूछताछ करने लगे कि किसके कहने पर रेत निकालने आएं हैं। इस बीच एक रेत तस्कर ने अपने पास रखे कट्टे से फायरिंग कर दी। एक गोली रोशन के गर्दन को छूकर निकल गई। युवक घायल हो गया। गांव के लोग एकजुट थे
फायरिंग की आवाज से गांव में हड़कंप मच गया। गांव में त्यौहार होेने की वजह से ग्रामीण एकत्रित थे। मौके पर ही दो तस्करों को पकड़ लिया गया था। सूचना मिलने पर पुलिस की टीम पहुंचे और दोनों आरोपियों को थाना ले जाने की तैयारी में थे कि आक्रोशित ग्रामीणों ने घेराव कर दिया। पुलिस वाहन के सामने ग्रामीण बैठ गए थे।
बसंतपुर थाना प्रभारी एमन साहू दलबल के साथ पहुंचे थे पर ग्रामीणों ने इन्हें भी घेर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ग्रामीण गोली चलने से आक्रोशित हैं। ग्रामीणों का कहना था कि रेत तस्करों की इतनी हिमत हो गई कि वे अब गोली चलाने लगे हैं।
वार्ड पार्षद के खिलाफ आक्रोश
जिले में यह पहला मामला जब रेत तस्करों ने रोकटोक करने पर फायरिंग की है। मोहड़ के ग्रामीण इस कदर आक्रोशित थे कि पार्षद को बाहर निकालने की मांग कर रहे थे। आरोप है कि पार्षद के संरक्षण में रेत की तस्करी हो रही थी। पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से पार्षद को वाहन में बिठाए रखा था।