जानकारी के अनुसार जिले में अलग-अलग बार हुए नुकसान का आकलन कृषि विभाग, राजस्व विभाग और बीमा कंपनी ने किया। इसी के आधार पर वर्ष-2023 के रबी के सीजन, 2024 के खरीफ और रबी के सीजन की बीमा राशि आई है। जिले के सभी ब्लॉक के उन सभी किसानों के लिए यह आई है। जिसमें फसलों का नुकसान हुआ है। 40 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं, जिन्हें शासन के माध्यम से चिह्नित किसानों के खाते में पहुंचाया जाएगा। हालांकि ब्लॉक के हिसाब से किसानों की संख्या को विभाग ने स्पष्ट नहीं किया है।
होते हैं चार सर्वे
जानकारी के अनुसार फसल बीमा राशि (Fasal Bima Yojana Amount) का आकलन बीमा कंपनियां करती हैं। साथ ही चार सर्वे होते हैं। इसके तहत पटवारी हल्के के हिसाब से सर्वे होता है। फिर चार प्रयोग किए जाते हैं। जिसमें दो पटवारी करते हैं और दो बीमा कंपनी और कृषि विभाग करते हैं। उस चार प्रयोग का जो औसत निकाला जाता है और उस हल्के में तीन साल के उत्पादन का औसत निकाला जाता है। उसी औसत अंतर को नुकसान माना जाता है, उसी को आधार बनाकर बीमा कंपनियां राशि जारी करती हैं।
हल्के का औसत नुकसान आना जरूरी
फसल बीमा राशि जारी करने के लिए नुकसान का मूल्यांकन किया जाता है। यानी यदि किसी हल्का क्षेत्र में 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन हुआ है और अगले साल 13 ही क्विंटल हआ तो 2 क्विंटल का नुकसान माना जाएगा। उसी अनुसार संबंधित किसान को बीमा मिलेगा। यदि किसी हल्के में नुकसान कम है और दूसरे हल्के में एक या दो किसान को ज्यादा नुकसान है तो वह नुकसान वाले हल्के में नहीं माना जाएगा। यानी किसी एक किसान के नुकसान को बीमा कंपनी नुकसान नहीं मानती, इसीलिए कई बार किसानों में असंतोष रहता है।
फसलों के लिए 40 करोड़ की बीमा राशि
राजगढ़ उप-संचालक सचिन जैन ने कहा कि 40 करोड़ की बीमा राशि राजगढ़ जिले के किसानों के लिए आई है। सिंगल क्लिक से यह किसानों के खाते में जाएगी, सोमवार को पहली किश्त डाली जाएगी। जिसका लाइव प्रसारण कृषि विज्ञान केंद्र में हम करेंगे। बीमा राशि के दायरे की जहां तक बात है तो वह औसत सर्वे और फसल कटाई प्रयोग के आधार पर बीमा कंपनियां मूल्यांकन करती हैं। डेढ़ साल की तीन फसलों के लिए 40 करोड़ रुपए की बीमा राशि डाली जाना है। संबंधित किसानों की सूची शासन स्तर पर ही आती है।