Woman for Tree: पौधरोपण, रखरखाव के निर्देश
दरअसल, केंद्र सरकार के आश्वासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अमृत मित्र योजना के तहत शहर के चिह्नित जगहों पर पौधरोपण, रखरखाव, सिंचाई करके एक साल में तैयार करना है। इन पौधों की जियो टैगिंग कराने, हर दिन उसकी रिपोर्ट तैयार करनी है। पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करना है। इसी काम के लिए महिला स्वसमूहों का चयन करना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा समूहों की महिलाओं को काम मिल सके।
तर्क दिया गया कि महिलाएं नहीं आ रही, जबकि..
जब चयन करने की बारी आई तो गिनती के ही महिला समूहों को शामिल किया जाने लगा। तर्क ये दिया जाने लगा कि महिला समूह आ ही नहीं रहे हैं। जबकि हर वार्ड में ऐसे 200 से अधिक हैं, लेकिन नगर निगम की इस योजना की उन्हें जानकारी ही नहीं मिल पाई। क्योंकि ये काम एनयूएलएम मिशन नगर निगम की शाखा में कार्यरत मैनेजर और सीईओ की जिम्मेदारी थी कि सभी वार्डों के महिला समूहों तक वुमन फॉर ट्री योजना के तहत होने वाले काम और चयन प्रक्रिया से अवगत कराने की थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।
सालभर की योजना है, 8 हजार मिलेगा वेतन
वुमन फार ट्री योजना अभियान के तहत चयनित जगहों के पौधों को सुरक्षित रखने का समय एक साल तय है। पौधे लगाने, देखरेख करने वाली महिलाओं को 8-8 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिलेगा। इसके लिए स्वसमूहों की महिलाएं ही पात्र होंगी। ऐसा नहीं है कि एक समूह को काम दे दिया जाए और वह अपने घर की महिला सदस्य को लगा ले।
महापौर ने लगाई रोक
महिला समूहों के चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी की सूचना मिलने पर महापौर मीनल चौबे ने तुरंत योजना के उपायुक्त और मैनेजर को तलब किया और इस पूरे प्लान में पारदर्शी तरीके से ज्यादा से ज्यादा समूहों की महिलाओं का चयन करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही फॉर्म भरने की तिथि भी 15 दिन आगे बढ़ाने के निर्देश दिए, ताकि निगम क्षेत्र के सभी 70 वार्डों के महिला समूहों को जोड़ा जा सके। महापौर ने 100 रुपए के फॉर्म को 300 रुपए में बेचने जाने पर भी आपत्ति की है।
2 करोड़ 48 लाख 65 हजार 320 रुपए की स्वीकृति मिली
वुमन फॉर ट्री अभियान से जुड़ने वाली महिला समूहों के भुगतान के लिए 2 करोड़ 48 लाख 65 हजार 320 रुपए की स्वीकृति मिली है। एक स्थान पर चार से पांच महिलाओं को काम मिलेगा और हर महीने 8-8 हजार रुपए वेतन भुगतान किया जाएगा। चयनित समूहों की महिलाओं को पौधरोपण करना है, उसकी देखरेख, सिंचाई एवं निगरानी, पौधो की जियो टैगिंग और प्रतिदिन रिपोर्टिंग करनी है। इस योजना पर अमल करने एमआईसी ने सर्वसम्मति से स्वीकृति दी है।