वर्तमान में चल रहे प्रोजेक्ट जैसे ‘धड़कन’ में 18 साल के बच्चे के दिल से संबंधित जांच की जा रही है। अब तक स्कूलों के 2560 बच्चों की जांच की जा चुकी है, इनमें 14 बच्चे सस्पेक्टेड हैं, जिनका इलाज श्री सत्य साई अस्पताल में कराया जाएगा। घंटी प्रोजेक्ट में 1427 स्कूलों में शुरू हुआ है, जिसमें दो बार घंटी बजती है और सभी बच्चे पानी पीते हैं। इससे पानी की कमी से होने वाले बीमारी से बच्चों को बचा सके।
प्रोजेक्ट का सुचारू रूप से चलाना, गड़बड़ी न होना, अधिकारियों की लापरवाही और सही समय में डाटा मिलना यह सभी काम ऑनलाइन मोड पर होने से मॉनीटरिंग सही ढंग से हो पाएगी। इसलिए ऑनलाइन मोड में लाने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरु कर दी है। 15 अगस्त के बाद सभी प्रोजेक्ट को ऑनलाइन मोड पर लाया जाएगा।
30 अधिकारियों की टीम करती है नाम चयन
कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि हमलोगों ने 25 से 30 अधिकारियों की टीम बनाई है जो कि सभी प्रोजेक्ट के नाम रखती है। इसमें वे अधिकारी शामिल है, जो इसमें समय देकर कुछ करना चाहते हैं। चर्चा कर समझते हैं कि किस तरह से लोगों को परेशानी हो रही है, उसके बाद उसके लिए प्रोजेक्ट शुरू करते हैं। उसमें सभी नाम बताते हैं, फिर उसमें से लोगों को कनेक्ट हो उस तरह के नाम का चयन कर रखा जाता है।
नए प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना
एक माह में और भी प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना है। इसमें रक्षा- जो कि सर्वाइकल कैंसर के इलाज संबंधित कार्य किया जाएगा। इसमें 56000 हजार से ज्यादा महिलाएं इसकी चपेट में है। वहीं, पढ़े रायपुर, बढ़े रायपुर प्रोजेक्ट में 1-8वीं तक बच्चों को बोर्ड पढ़ाई में गुणवत्ता, इनोवेटिव ऐप से पढ़ाई। प्रोजेक्ट पल्स, रक्षा, गोल्डन ऑवर, मिशन 45, आंगन, हैंडी, जैसे नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे। इस तरह के चल रहे प्रोजेक्ट
- यू आकार: बच्चों को बैक बैंचर वाली फीलिंग न आए, इसलिए उन्हें 932 स्कूल में यू आकार में बैठाया जा रहा है
- उत्कर्ष: 10वीं-12वीं के छात्राओं का रिजल्ट अच्छा करने बार-बार टेस्ट, 215 स्कूल शामिल
- विजयीभव: अलग-अलग विभाग के लोग बच्चों को गुड-बैड टच, साइबर व नशा मुक्ति की शिक्षा दे रहे हैं।
- सुरक्षा: छात्राओं को प्राथमिक उपचार और सीपीआर की ट्रेनिंग
- दधिचि: लोगों को अंगदान करने के लिए जागरुकता, अब तक 27 लोगों ने किया
- हरिहर पाठशाला: वृहद स्तर पर पौधारोपण के साथ उसकी रक्षा, अबतक हजारों पौधरोपण हुए
- दक्ष: अधिकारी-कर्मचारियों को डिजिटल रूप से मजबूत करने प्रशिक्षण
- स्मृति पुस्तकालय: छात्राओं के पढ़ने के लिए पुस्तकों का दान
- नैनो: ड्रोन तकनीक से उर्वरकों के छिड़काव का निरीक्षण
- दिव्य धुन: दिव्यांग बच्चों को हुनर दिखाने सीखा रहे तबला, गिटार, ढोलक जैसे यंत्र।