इस कारण बहुत से किसानों की फसल की शुरुआती मेहनत बेकार हो गई है और अब उन्हें धान की नई पौध उगाने की चिंता सताने लगी है। गांवों में खेतों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है। कई खेतों में पानी जमा हो गया है जिससे बीजों का अंकुरण रुक गया है। कुछ क्षेत्रों में खेतों में पानी लगातार भरा रहने से बीज पूरी तरह सड़ चुके हैं।
CG Weather Update: दिनभर रुक-रुक कर हो रही बारिश
किसानों ने पहले ही सीमित संसाधनों के साथ बीज बोए थे, लेकिन अब उन्हें दोबारा बीज जुटाना और समय पर रोपाई की तैयारी करना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। किसानों का कहना है कि यदि बारिश इसी तरह अनियमित और अत्यधिक होती रही, तो धान की मुय फसल के लिए पर्याप्त समय नहीं बचेगा। किसान धान की खेती पर पूरी तरह निर्भर हैं, और बीजों के खराब हो जाने से आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है। किसानों ने प्रशासन से बीज वितरण की मांग की है, ताकि जिन
किसानों की फसल नष्ट हुई है, उन्हें समय पर दोबारा तैयारी का मौका मिल सके। साथ ही वे कृषि विभाग से उचित मार्गदर्शन की अपेक्षा भी कर रहे हैं कि वर्तमान स्थिति में पौध उगाने और बचाव के क्या उपाय किए जाएं।
विदित हो कि इस समय जब मानसून की अनियमितता खेती पर गहरा प्रभाव डाल रही है, किसानों को तत्काल सहायता की आवश्यकता है। प्रशासन और कृषि विभाग को संयुक्त रूप से आगे आकर प्रभावित
किसानों की मदद करनी चाहिए ताकि क्षेत्र की धान फसल पर संकट न मंडराए।