गूगल ने खुद अपने प्लेटफॉर्म में %जैमिनी एआई% को शामिल किया है, जो सिर्फ जानकारी नहीं देता, बल्कि उपयोगकर्ता को उसकी जरूरत के हिसाब से सुझाव, समाधान और मार्गदर्शन भी देता है। इस विषय में एनआईटी रायपुर के कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर डॉ. नरेश नागवानी कहते हैं गुरु का अर्थ है वह जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए। एआई भी अब उसी दिशा में एक भूमिका निभा रहा है। यह न केवल डेटा देता है, बल्कि इंसान के सोचने और निर्णय लेने की क्षमता को भी दिशा देने लगा है।
Artifical Intelligence: इंटेलिजेंट मेंटर की तरह काम कर रहा
एआई आज शिक्षा,
स्वास्थ्य, वित्त, डिजाइन, लेखन और कोडिंग जैसे तमाम क्षेत्रों में रियल टाइम में व्यक्ति की मदद कर रहा है। उदाहरण के लिए कोई छात्र अपने प्रोजेक्ट के लिए कोड नहीं समझ पा रहा, तो एआई तुरंत उसे कोड लिखकर दे सकता है। साथ ही समझा भी सकता है। डॉ. नागवानी के अनुसार एआई एक टूल से कहीं बढ़कर है। अब यह एक इंटेलिजेंट मेंटर की तरह काम कर रहा है, जो जरूरत के मुताबिक मार्गदर्शन करता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन यह समझना जरूरी है अब गुरु और गूगल दोनों के बीच एआई आ चुका है और आने वाला भविष्य इसी संवेदनशील तकनीकी मार्गदर्शक की परिभाषा को और गहराई देगा। हालांकि वे यह भी कहते हैं कि
एआई गुरु तो बन सकता है, लेकिन उसमें संवेदना और अनुभव का भाव अभी भी इंसानी गुरुओं जैसा नहीं है। इसलिए तकनीक के साथ-साथ जीवंत गुरुओं का महत्व हमेशा बना रहेगा।