CG News: खराब मौसम का असर
बता दें कि सबसे पहले दक्षिण बस्तर के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाडा़ में अप्रैल के दूसरे सप्ताह से तुड़ाई शुरू की गई थी। जून के प्रथम सप्ताह में तुडा़ई के बाद 13 लाख 5389.684 मानक बोरा ही संग्रहित हु्आ। वन विभाग के
अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल मई में भारी बारिश, ओला वृष्टि, हवा तूफान से तेंदूपत्ता फसल को भारी नुकसान हुआ है। बीजापुर में प्राकृतिक स्थिति के चलते किसानों ने पत्ते नहीं तोड़े। इसके चलते पिछले साल की अपेक्षा 2 लाख मानक बोरा कम संग्रहण हुआ।
संग्राहकों को 7.45 करोड़ का भुगतान
प्रदेश के 31 जिला वनोपज सहकारी यूनियन के 902 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों से जुडे़ संग्राहकों को 7 करोड़ 44 लाख 640762 रुपए का भुगतान किया जा रहा है। 13 लाख 5389.684 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण करने वालों को उनके खाते में ऑनलाइन रकम जमा कराई जाएगी। राज्य लघुवनोपज संघ के एमडी अनिल साहू ने बताया कि 5500 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से संग्राहकों को रकम का हस्तांतरण किया जा रहा है। बता दें कि एक गड्डी में सौ पत्ते और एक मानक बोरा में एक हजार गड्डी तेंदूपत्ता होता है। इस बार प्रदेश में लगातार
बारिश, आंधी-तूफान और ओले गिरने से तेंदूपत्ता के बूटो (पत्ते) में दाग और खराब पत्ते होने के कारण संग्रहण कार्य प्रभावित हुआ।