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Bilaspur News: इन मांगों को लेकर एनएसयूआई ने किया प्रदर्शन, शव यात्रा निकाल कर छात्रों ने पुतला फूंका एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष निम्नलिखित पाँच प्रमुख माँगें रखीं
परीक्षा माध्यम अनुरूप प्रश्न पत्र
छात्र जिस भाषा (माध्यम) में उत्तर लिखते हैं, उन्हें उसी भाषा में प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जाए। विशेष रूप से हिंदी माध्यम के छात्रों को अंग्रेज़ी भाषा में प्रश्न पत्र प्रदान करना अनुचित है।
अत्यधिक विलंब शुल्क पर पुनर्विचार प्रतिदिन ₹25 की दर से लगाए जा रहे विलंब शुल्क को अविलंब समाप्त किया जाए। यह शुल्क छात्रों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डालता है और NSUI इसे आर्थिक शोषण मानती है।
पुस्तकालय में विभागानुसार पुस्तकें विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में सभी शैक्षणिक विभागों से संबंधित उच्च गुणवत्ता की पर्याप्त पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएँ ताकि छात्रों को आवश्यक अध्ययन सामग्री सुगमता से प्राप्त हो सके। पुस्तकालय की बैठक क्षमता में वृद्धि
छात्रों की संख्या को ध्यान में रखते हुए पुस्तकालय की बैठक क्षमता को बढ़ाया जाए, जिससे छात्रों को एक शांत एवं सुविधाजनक अध्ययन वातावरण मिल सके। उच्च शुल्क के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण सुविधाएँ जब छात्रों से उच्च शुल्क वसूला जा रहा है, तो उनके लिए वातानुकूलित कक्षाओं, शुद्ध पेयजल, पर्याप्त प्रकाश और स्थायी वाई-फाई जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी निर्बाध रूप से उपलब्ध कराना विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है। वर्तमान में कक्षाओं में लगे एसी ठीक से काम नहीं कर रहे, जिससे विद्यार्थियों को असुविधा हो रही है।
उत्तर विधानसभा अध्यक्ष अनुज शुक्ला ने कहा छात्रों की समस्याओं को अब और नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। हमारी माँगें छात्रों की मूलभूत आवश्यकताओं से जुड़ी हैं। यदि विश्वविद्यालय प्रशासन शीघ्र समाधान नहीं करता, तो एनएसयूआई बड़े स्तर पर आंदोलन करेगी।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से प्रदेश सचिव कुणाल दुबे, वाइस चेयरमैन पुनेश्वर लहरे, विधानसभा उपाध्यक्ष अंकित बंजारे, हिमांशु तांडी, आलोक खरे, गुज्जर खान, विनय साहू, ऐश्वर्य कोसले, असलान शेख, लक्की सहित बड़ी संख्या में एनएसयूआई के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।