30 से लेकर 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार
जब गर्मी ज्यादा हो, तब अंधड़ चलती है। इसकी गति अचानक बढ़ती है। यह 30 किमी से लेकर 70 किमी प्रति घंटे या इससे ज्यादा की रफ्तार से चल सकती है। मानसूनी बारिश या प्री मानसून में बिजली कडक़ने के साथ बादलों की जोरदार गर्जना होती है। इस दौरान तेज हवा चलती है। तेज हवा लगातार चलती रहे तो इसे आंधी कहा जाता है। इसकी रफ्तार 75 किमी प्रति घंटे या इससे ज्यादा हो सकती है। 30 साल की स्टडी में मई व जून में आंधी चलने का औसत एक से दो दिन है।अंधड़ से बिजली के पोल उखड़े, तार टूटे, ट्रांसफार्मर भी खराब
1 मई को राजधानी समेत प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में अंधड़ ने सरकारी व निजी संपत्ति को उजाड़ कर दिया। अंधड़ से न केवल बिजली के पोल उखड़े, तार टूटे, बल्कि के कुछ स्थानों पर ट्रांसफार्मर भी खराब हुए हैं। राजधानी में ही आंधी आबादी 10 घंटे से ज्यादा तक अंधेरे में डूबी रही। सैकड़ों पेड़ गिरे। होर्डिंग से लेकर पोस्टर भी उड़े हैं। कई स्थानों पर बिजली पोल तिरछे हो गए हैं। इसे हटाने या ठीक करने के लिए बिजली विभाग व नगर निगम का अमला लगा रहा। इन सब कार्य में काफी खर्च होता है। एक तरह से यह विभाग खर्च करता है।बिजली गिरने से औसतन 200 मौतें छत्तीसगढ़ में
प्राकृतिक बिजली गिरने से प्रदेश में हर साल औसतन 200 मौतें होती हैं। ये मौतें अप्रैल से सितंबर तक यानी 6 माह में होती हैं। प्री मानसून व मानसूनी बारिश में ज्यादा बिजली गिरती है। पेड़ के नीचे खड़े रहना या तालाब या किसी पानी के पास होना, ये खतरनाक होता है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार जब बेमौसम बारिश हो तो पेड़ के नीचे कभी खड़े नहीं होना चाहिए। बिजली ज्यादातर पेड़ पर ही गिरती है।- राजधानी में इस तरह चलती है अंधड़
- माह दिनों की संख्या
- मई 05
- जून 11
- जुलाई 08
- अगस्त 07
- सितंबर 04
- 8 साल में प्रदेश में मई व जून में अंधड़
- साल मई जून
- 2024 145 301
- 2023 139 310
- 2022 131 295
- 2021 141 305
- 2020 145 308
- 2019 151 309
- 2018 142 301
- 2017 150 307