तीन अलग-अलग साइज 60. 7 व 7.5 के ग्लब्स की शिकायत पहले से थी। पत्रिका ने पहले ही इस संबंध में समाचार प्रकाशित किया था।
डॉक्टरों के अनुसार ये पहनते-पहनते फट जाता है। पावडर जैसे बुरादा भी निकलता है। ये ग्लव्स अनोदिता हैल्थ केयर), सन मार्ट पैकेजिंग से सप्लाई है। वहीं डेक्सट्रोज विथ सोडियम क्लोराइड हसीब फार्मास्यूटिकल से सप्लाई है।एंटीबायोटिक शिफा ट्राई एक्सन इंजेक्शन पाउडर थ्योन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड में बना है।
नहीं रुक रही मरीजों की ब्लीडिंग, जान का खतरा भी
खून सामान्य होने में देरी के कारण मरीजों की ब्लीडिंग नहीं रूक रही है। इससे ओपन हार्ट व अन्य मरीजों की जान पर खतरा बढ़ गया था। पत्रिका ने 25 मई के अंक में अब खून गाढ़ा करने वाला इंजेक्शन निकला घटिया शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। वाइटल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड नासिक में बने प्रोटामिन इंजेक्शन का बैच नंबर वी24133 है। यह जून 2024 में बना है और एक्सपायरी डेट मई 2026 है। ओपन हार्ट सर्जरी व इंजियोप्लाटी के पहले खून पतला करने वाला इंजेक्शन हिपेरिन लगाया जाता है, ताकि सर्जरी के दौरान खून का थक्का न जमे। जब ऑपरेशन हो जाता है, तब मरीज के ब्लड को सामान्य करने के लिए प्रोटामिन इंजेक्शन लगाया जाता है। ताकि मरीज का ब्लड सामान्य यानी पहले की तरह हो जाए और ज्यादा ब्लीडिंग से जान को खतरा न रहे।
हिपेरिन इंजेक्शन लगाने के बाद पतले खून को सामान्य करने के लिए लगाए जाने वाले प्रोटामिन सल्फेट इंजेक्शन के सैंपल को जांच के लिए दोबारा लैब भेजा गया है। पत्रिका की खबर के कॉर्पोरेशन ने इंजेक्शन के उपयोग पर बैन लगा दिया था। यही नहीं आंबेडकर, डीकेएस समेत सभी अस्पतालों से स्टॉक वापस मंगाया गया है।
इंजेक्शन आंबेडकर, डीकेएस समेत प्रदेशभर के अस्पतालों में सप्लाई की गई थी। नासिक की वाइटल हेल्थकेयर कंपनी में बनी इंजेक्शन के उपयोग से ओपन हार्ट सर्जरी के बाद मरीजों का खून गाढ़ा या सामान्य होने में 20 से 25 मिनट लग रहा है। डॉक्टरों के अनुसार इसमें केवल एक से दो मिनट लगना चाहिए।