इस अनूठी पहल का उद्देश्य पानी की कमी को दूर करना और डिहाइड्रेशन जैसी गंभीर समस्या से निपटना है। इसका असर भी स्कूली
बच्चों में दिखाई देने लगा है। खास बात यह है कि जब घंटी बजती है तो कक्षा में बच्चों के बीच उत्साह का माहौल होता है और सारे बच्चे एक साथ पानी पीते हैं। यह उनके लिए खेल की तरह है जिसमें वे मनोरंजन भी महसूस करते हैं। डिहाइड्रेशन जैसी समस्या से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास थम सकने की आशंका होती है।
नियमित अंतराल में पानी पीने की आदत होगी विकसित
कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने यह पहल शुरू की है। इस पहल के तहत बच्चों को नियमित अंतराल में पानी पिलाने के साथ ही बच्चों के भीतर इसकी आदत विकसित करना भी है। उन्होंने बताया कि बच्चे इससे पानी की जरूरत के संबंध में अधिक गंभीर होंगे और समझ पाएंगे कि यह कितना जरूरी है कि हम जिस तरह से समय पर खाना खाते हैं उसी तरह पानी पीने का भी एक समय तय करें।
ऊतकों के विकास के लिए जरूरी है पानी
उल्लेखनीय है कि डायरिया जैसी बहुत सी बीमारियों को ठीक करने के लिए पानी की प्रमुख भूमिका होती है। पाचन के लिए भी पानी की भूमिका होती है ताकि जरूरी पौष्टिक पदार्थ शरीर में फैलें। अध्ययनों में पाया गया है कि पानी की कमी से तेजी से शारीरिक, मानसिक विकास प्रभावित होता है। विशेषकर बढ़ती उम्र में जब नए ऊतकों के निर्माण की जरूरत होती है और इसके लिए बड़े पैमाने पर पानी की जरूरत होती है तो इसके लिए पानी बेहद प्रभावी होता है।