फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई में युवाओं की रुचि बढ़ेगी
फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय लगभग 40 एकड़ में तैयार होगा। इसमें करीब 400 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यूनिवर्सिटी के साथ नेशनल लैब होने से आसपास के राज्यों से भी कई प्रकार की जांच संबंधी मामले आएंगे। साथ ही फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई में युवाओं की रुचि बढ़ेगी। वर्तमान स्टेट फॉरेंसिक साइंस लैब में कई प्रकार की सुविधाओं की कमी है। इसके चलते जांच रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पाती है। वाइस सैंपल, डिजिटल साक्ष्य आदि की जांच की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।
जांच संबंधी काम प्रभावित होते
साथ ही कर्मचारियों की भारी कमी है। इसके चलते जांच संबंधी काम प्रभावित होते हैं। हालांकि डीएनए जांच जैसी सुविधाएं होने से कई मामलों में काफी राहत मिली है। खासकर पुलिस वालों को डीएनए रिपोर्ट जल्दी मिल जा रही है।