इस नवाचार के प्रभाव से कक्षा में संवाद और सहयोग का माहौल बन रहा है, सभी
विद्यार्थियों को समान मंच और शिक्षक की सीधी पहुंच मिल रही है। साथ ही आत्मविश्वास में वृद्धि और पीछे बैठने वालों की, बैक बेंचर की मानसिकता समाप्त हो रही है। यह पहल कक्षाओं में समावेशी, प्रेरक और बेहतर शिक्षण का वातावरण उत्पन्न कर रहा है।
शिक्षकों का कहना है कि इस पहल से बच्चे अधिक सक्रिय नजर आ रहे हैं, चर्चा में भाग ले रहे हैं और पढ़ाई को बोझ नहीं, बल्कि आनंददायक अनुभव कर रहे हैं। वहीं बच्चों में आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हो रही है।
अर्धवृत्ताकार बैठक व्यवस्था से ये फायदे
शिक्षक की हर विद्यार्थी पर समान दृष्टि रहेगी, इसलिए छात्र भी अलर्ट मॉड में रहेगा। टीचर का स्टूडेंट्स से सीधे आई-कॉन्टेक्ट रहेगा। शिक्षक बीच में घूमकर हर छात्र के पास जाकर संवाद कर सकेगा। चर्चा में बेहतर भागीदारी और बच्चों के लेखन या हरकत पर सीधी निगाह। हर बच्चों में बैठक को लेकर समानता के भाव होंगे, कोई अगला-पिछला नहीं कहलाएगा। पीछे बैठे बच्चों में ब्लैकबोर्ड पर नहीं दिखने या चश्में के नंबरों होने से गिल्टी महसूस करने की समस्या से छूटकारा।