सूचना संकलन तंत्र को मजबूत करने के निर्देश सीएम विष्णुदेव साय ने सुरक्षा बलों (Security Forces) के अधिकारियों और जवानों के अदम्य साहस, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी के कारण आज प्रदेश के कई क्षेत्र नक्सल प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों के मनोबल को और ऊंचा बनाए रखने के लिए उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि अंतिम सफलता अब बहुत निकट है। उन्होंने विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि नक्सल विरोधी अभियानों (Anti Naxal Operation) में आपसी समन्वय और सूचना संकलन तंत्र को मजबूत करते हुए प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन है, जिसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं है।
नक्सल क्षेत्रों में विकास कार्य तेजी से पूरे किए जाएं मुख्यमंत्री
विष्णुदेव साय ने कहा कि बीजापुर (Bijapur), सुकमा (Sukma) और दंतेवाड़ा (Dantewada) जैसे जिलों में सुरक्षा और विकास दोनों को साथ लेकर चलना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थानीय समुदायों का विश्वास जीतने के लिए संवाद बढ़ाया जाए और क्षेत्र में विकास कार्यों को तेज गति से पूरा किया जाए। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जनता को यह महसूस होना चाहिए कि सरकार उनके लिए समर्पित है और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है।
नक्सलमुक्त के रूप में छत्तीसगढ़ को मिलेगी नई पहचान बैठक के अंत में सीएम विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब निर्णायक मोड़(Decisive Stage) पर है। उन्होंने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि वे पूरी निष्ठा, सजगता और प्रतिबद्धता के साथ इस ऐतिहासिक लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी भूमिका निभाएं। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त और विकासोन्मुख प्रदेश के रूप में पूरे देश में एक नई पहचान मिलेगी। बैठक में डिप्टी सीएम व
गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव (गृह) मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण देव गौतम, विशेष डीजी (नक्सल ऑपरेशंस), सीआरपीएफ और सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।