CG Liquor Shop: नहीं खुलने देंगे शराब दुकान: पटेल
ग्रामीणों ने इस मामले में क्षेत्रीय विधायक अनुज शर्मा से उनके निवास पर मुलाकात कर इस आदेश को निरस्त कराने के लिए निवेदन किया है। ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि दोन्दे खुर्द गांव स्वच्छ भारत मिशन में उत्कृष्ट कार्य किया था, जिसके लिए गांव को अनेकों सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है और पूरा प्रदेश हमारे गांव को सुग्घर गांव के नाम से जानते हैं। ऐसे में हमारे गांव में शराब दुकान का संचालन किया जाना बहुत ही दुर्भाग्य जनक है।
इधर इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए आबकारी विभाग द्वारा दुकान संचालन हेतु जगह लगभग फाइनल कर गांव में दुकान बनाना शुरू भी कर दिए है, जिससे ग्रामीणों का आक्रोश दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। वहीं इस संबंध में आज ग्रामीणों ने धरसींवा के पूर्व विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा के नेतृत्व में कलेक्टर को गांव में
शराब दुकान संचालन के आदेश को निरस्त कराने के लिए ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा है कि 10 दिनों के भीतर यदि आदेश को निरस्त नही किया जाता है, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
मेरी जानकारी के बगैर शराब दुकान खोल रहे
विधायक ने उनके जानकारी के बगैर ये आदेश जारी करना बताया और ग्रामीणों की मांग पर तत्काल संज्ञान लेते हुए इस आदेश को निरस्त कराने के लिए आबकारी उपायुक्त को पत्र जारी किया। ग्रामीणों को आश्वस्त किये की दोन्दे खुर्द गांव में शराब दुकान संचालन नही किया जाएगा। वहीं धरसींवा क्षेत्र के पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने इस मामले में
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस आदेश को निरस्त कराने तथा किसी भी हाल में दुकान संचालन नहीं करने देने की बात कही है। पूर्व विधायक ने बताया कि उनके कार्यकाल में 13 वर्ष पहले मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जी के शराब बंदी नीति के तहत पूरे प्रदेश में लगभग 300 दुकानें बंद कराई गई थी, जिसमें धरसींवा क्षेत्र के ग्राम दोन्दे, सारागांव, सिलयारी पंचायतों की दुकान भी शामिल थी। अब पुन: दोन्दे में शराब दुकान संचालन का आदेश जारी करना निंदनीय है।
पूर्व जनपद अध्यक्ष उत्तरा कमल भारती, जनपद सदस्य भगत बंजारे, पूर्व उपसरपंच व भाजयुमो नेता सूरज टंडन, जिला कांग्रेस कमेटी महासचिव कमल भारती पंच व देनप जिला उपाध्यक्ष सूर्यप्रताप बंजारे, पंच देवकुमार चतुर्वेदी और गांव की महिलाओं ने बताया की आस पास के सरपंचों, जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों, समाजप्रमुखों के साथ संघर्ष समिति बनाकर इस इस आदेश के विरोध में उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी।