अभी 5 से 8 हजार तक किराया चुका रहा एक छात्र
नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 230 सीटें हैं। पुराने हॉस्टल को तोड़कर नया बनाया जा रहा है, लेकिन यह भी अधूरा है। कॉलेज प्रबंधन पिछले साल से सर्वसुविधायुक्त मकान खोज रहा है, लेकिन मिल नहीं रहा है। डीन फुंडहर में कामकाजी महिलाओं के लिए बने हॉस्टल को देखने भी गए थे, लेकिन वहां एक भी कमरा खाली नहीं होने से प्रबंधन को निराशा हाथ लगी। देवेंद्रनगर के आसपास भी हॉस्टल की तलाश की गई, लेकिन नहीं मिला। अभी एक छात्र किराए के एक कमरे के लिए 5 से 8 हजार रुपए तक चुका रहा है।पुराने संचालनालय में तहसील शिफ्ट, प्रबंधन ताकता रह गया
पुराने स्वास्थ्य संचालनालय को हॉस्टल बनाने की योजना थी,लेकिन यहां पर तहसील कार्यालय शिफ्ट हो चुका है। नया भवन कब तैयार होगा और तहसील कार्यालय कब शिफ्ट होगा, तब तक इंतजार करना होगा। डीएमई कार्यालय ढाई साल पहले नवा रायपुर शिफ्ट हो गया था। वहीं आयुष्मान भारत योजना का स्टेट नोडल एजेंसी कार्यालय भी सालभर पहले नवा रायपुर चला गया। इस कार्यालय में 20 के आसपास बड़े कमरे हैं, जो छात्रों के रहने के लिए पर्याप्त माना जा रहा था। जब डीएमई कार्यालय शिफ्ट हुआ, तब इसे हॉस्टल बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन यह अधूरी ही रह गई। वर्तमान में इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर पैरामेडिकल कोर्स के डायरेक्टर व फर्स्ट फ्लोर पर नर्सिंग काउंसिल रजिस्ट्रार का कार्यालय है।सर्वसुविधायुक्त मकान की खोज
हॉस्टल नहीं होने के कारण कॉलेज के आसपास 200 छात्रों के लिए सर्वसुविधायुक्त मकान की खोज की जा रही है। इसके लिए सूचना जारी की गई है।डॉ. विवेक चौधरी, डीन, नेहरू मेडिकल कॉलेज