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Raipur News: रायपुर स्मार्ट सिटी को नहीं मिलेगी वित्तीय सहायता, 900 करोड़ मिले थे कंपनी, पुरे हो गए खर्च जानकारी के अनुसार स्काईवॉक का अधूरा काम पूरा करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने 17 अप्रैल को टेंडर जारी किया था। टेंडर में दो कंपनियों ने हिस्सा लिया। इसमें से
रायपुर की फर्म पीएसए कंस्ट्रक्शन को स्काईवॉक का अधूरा काम पूरा करने का जिमा सौंप दिया गया है। शासन ने स्पष्ट किया है कि इसकी ड्राइंग डिजाइन पुरानी ही रहेगी। यानी उसी डिजाइन पर काम होगा, जिसे पीडब्लूडी मंत्री रहते हुए राजेश मूणत ने फाइनल किया था और काम भी शुरू करवाया था। लेकिन सरकार बदलने की वजह से स्काईवॉक का ढांचा 2018 से ही धूल खा रहा है।
फुट ओवरब्रिज ही रहेगा पीडब्लूडी ने राजधानी में स्काईवॉक के अधूरे काम को पूरा करने का आदेश गुरुवार को जारी किया जिसमें कहा है कि यह फुट ओवरब्रिज ही रहेगा। बता दें कि स्काईवाक का ढांचा अभी शास्त्री चौक से पुराना बस स्टैंड पार्किंग तथा यहीं से अंबेडकर अस्पताल तक बनकर पिछले सात साल से खड़ा है। इसकी शास्त्री चौक पर रोटेटरी बननी थी तथा शेष दोनों सड़कों पर थोड़े-थोड़े विस्तार की योजना भी थी।
शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि डिजाइन तथा पूरी योजना में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा। अधूरे स्काईवॉक को पूरा करने की लागत का आंकलन पिछले एक साल से चल रहा था। आंकलन के आधार पर 31 करोड़ 41 लाख का आफसेट प्राइज था, लेकिन टेंडर में हिस्सा लेने वाली दोनों कंपनियों ने इससे ज्यादा रकम कोट की थी। आखिरकार न्यूनतम रेट भरने वाली रायपुर के फर्म को 37.75 करोड़ में टेंडर दिया गया है।
राजनीति में फंसा था स्काईवॉक प्रोजेक्ट स्काईवॉक का निर्माण कांग्रेस की राजनीति में फंस कर रह गया था। कांग्रेस की सरकार आते ही इसका निर्माण बंद कर दिया गया। इसके निर्माण के समय कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध किया था। जब प्रदेश में भाजपा की सरकार आई तो सालभर मंथन और तकनीकी टेस्टिंग के बाद पीडब्लूडी महकमे ने टेंडर फाइनल कर इसका काम पुराने डिजाइन पर ही दोबारा शुरू करने का आदेश जारी कर दिया। कई जगह एस्केलेटर लगेंगे। राहगीरों को सहूलियत मिलेगी।