आतंकी हमला, मानवता के इतिहास को कलंकित करने वाला
डॉ. राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी और राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने दीप प्रज्ज्वलन कर आयोजन का शुभारंभ किया। डॉ. शाही ने कहा, पहलगांव में जो आतंकी हमला हुआ वो मानवता के इतिहास को कलंकित करने वाला था। हम अहिंसा के पुजारी हैं किंतु हिंसा का प्रतिकार करना हमारी प्रतिबद्धता है। जिसका परिचय भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दिया।
कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण व नियमन हो
बैठक में पहले दिन 4 प्रस्ताव चर्चा के लिए पढ़े गए। इन प्रस्तावों में देश में कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण व नियमन हो सुनिश्चित, कुलपतियों की नियुक्ति में विलंब, राजनैतिक हस्तक्षेप व कानूनी विवाद में विश्वविद्यालयों में बढ़ती अस्थिरता चिंतनीय, भारत की आंतरिक सुरक्षा हेतु सरकार एवं समाज का सजग होना आवश्यक, वैश्विक व्यवस्था में भारत की बहुआयामी पहल जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया है। इन प्रस्तावों पर आगामी 2 दिनों तक विस्तार से मंथन होगा तथा 31 मई को इन्हें पारित किया जाएगा।
समाज-जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने बढ़ रही आगे
बैठक में एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, विद्यार्थी परिषद की कार्यप्रणाली निरंतर नए सूत्रों को समाहित कर समाज-जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की ध्येय यात्रा में आगे बढ़ रही है। देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में वामपंथी तथा नकारात्मक शक्तियों का छात्रों के साथ मिलकर एबीवीपी ने मुखरता से प्रतिकार किया है। एक तरफ हमारी सेना आतंकियों को ध्वस्त कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता वामपंथियों के गढ़ को। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण इस वर्ष का जेएनयू छात्रसंघ चुनाव है। शिक्षा क्षेत्र में छात्रों को एक महत्वपूर्ण हितधारक के रूप में उनके मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हुए तथा वर्तमान परिदृश्य में युवानुकूल बदलाव लाने के लिए एक साथ प्रयास करने चाहिए। कार्यक्रम के आरंभ में छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य तथा प्रचलित स्थानीय वाद्ययंत्रों के माध्यम से देशभर से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया गया।