हालांकि गड़बड़ी पकड़े जाने पर लक्ष्मी ट्रेडर्स के संचालक ने टैक्स चोरी करना स्वीकार कर 17.55 लाख रुपए का भुगतान किया। वहीं, बंसल ट्रेडिंग के संचालक द्वारा 40 लाख रुपए टैक्स जमा करने की पेशकश की, लेकिन
जीएसटी के अधिकारियों ने लगातार गड़बड़ी पकडे़ जाने पर लेखा पुस्तक एवं अन्य दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया है। इसकी जांच करने के बाद ही टैक्स चोरी का मूल्यांकन किया जाएगा।
इस तरह किया फर्जीवाड़ा
भारत सरकार द्वारा संचालित जीएसटी पोर्टल की जांच करने पर बंसल ट्रेडिंग द्वारा टैक्स चोरी करने का इनपुट मिला था। इस आधार पर टीम ने फर्म में दबिश दी थी। जांच में पता चला कि कारोबारी द्वारा अधिकांश काम कच्चे में किया जा रहा था। फर्म में लेखा पुस्तक या कम्प्यूटर में हिसाब ही नहीं रखा गया था। प्राथमिक जांच में 2017-18 से वर्ष 2024-25 तक कुल टर्न ओवर 158 करोड़ से अधिक मिला। वहीं, ई-वे बिल 2023-24 में माल की खरीदी 29.50 करोड़ की गई थी, लेकिन सप्लाई मात्र 50 लाख रुपए की गई। इसका विक्रय आम उपभोक्ता को किया गया। वहीं, बिल अन्य कारोबारियों को बेचकर बोगस आईटीसी का का लाभ दिया गया।
17.55 लाख जमा कराया
मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स के ठिकानों में तलाशी में पता चला कि फर्म का टर्नओवर 2017 से 2025 तक 96 करोड़ से अधिक मिला, लेकिन टैक्स के नगद भुगतान में हेराफेरी गई। वहीं, ई-वे बिल में 2023-24 में माल की खरीदी 11 करोड़ की गई। जबकि माल की सप्लाई मात्र 7 करोड़ रुपए की गई। टैक्स चोरी उजागर होने पर कारोबारी ने गलती स्वीकार करते हुए17.55 लाख कर भुगतान किया गया।
कारोबारियों का हंगामा
छापेमारी के बाद कारोबारियों एवं अंबिकापुर व्यापारी संघ ने नारेबाजी की। छापेमारी की खबर शहर के अन्य व्यापारियों तक पहुंचते ही बाजार में तनाव का माहौल बन गया। संगठन के पदाधिकारियों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि बिना ठोस सबूत के कारोबारियों को परेशान करने के लिए टारगेट कर छापेमारी की जा रही है। बताया जाता है कि लक्ष्मी ट्रेडर्स में पिछले 6 महीने के भीतर तीसरी बार जीएसटी की दबिश हुई है।