सूत्रों के मुताबिक,
हाईकोर्ट ने 4 प्रॉपर्टी की कुर्की के लिए रायपुर कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजा है। साथ ही फरार चल रहे तोमर बंधुओं के खिलाफ उद्घोषणा की अंतिम तारीख कल तय की गई है। फैसला लेते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर कल तक आरोपी कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो उनकी संपत्तियों पर कुर्की की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
तोमर बंधुओं की हर हाल में होगी गिरफ्तारी
वहीं रायपुर पुलिस का कहना है कि शहर में सूदखोरी और आपराधिक गतिविधियों में शामिल तोमर बंधुओं को हर हाल में गिरफ्तार कर कानून के दायरे में लाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वीरेंद्र और रोहित के खिलाफ अलग-अलग थानों में करीब 12 अपराध दर्ज हैं। हाल ही में तेलीबांधा इलाके में एक रेस्टोरेंट में प्रॉपर्टी डीलर की जमकर पिटाई की थी। रोहित ने अपने बाउंसरों के साथ मिलकर उसकी जान लेने की भी कोशिश की थी। इस गुंडागर्दी के बाद पुलिस सक्रिय हुई।
दोनों पर इनाम घोषित
वीरेंद्र, रोहित सहित दोनों की पत्नी, भतीजे के खिलाफ तेलीबांधा और पुरानीबस्ती थाने में कर्ज देकर ब्याज के नाम पर अधिक वसूली, ब्लैकमेलिंग, जमीन हथियाने, धमकाने, आर्म्स एक्ट आदि के 7 मामले दर्ज हैं। इन मामलों में दोनों भाई फरार चल रहे हैं। पुलिस ने दोनों पर इनाम घोषित कर रखा है। पिछले कुछ माह से रोहित लगातार गुंडागर्दी कर रहा था। 19 साल से सक्रिय हैं दोनों हिस्ट्रीशीटर
वर्ष – आरोप - 2006 – आजादचौक इलाके में कारोबारी पर चाकू से हमला
2010 – गुढ़ियारी इलाके में उगाही, गुंडागर्दी
2013 – कोतवाली इलाके में युवक की हत्या
2015 – अमलीडीह इलाके में महिला से अप्राकृतिक कृत्य
2017 – भाठागांव इलाके में सूदखोरी, गुंडागर्दी, कर्जा एक्ट
2018 – पुरानीबस्ती इलाके में सूदखोरी, धोखाधड़ी, कर्जा एक्ट
2019 – कोतवाली इलाके में सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, गुंडागर्दी, आर्म्स एक्ट
2024 – गुढ़ियारी इलाके में अपहरण, ब्लैकमेलिंग, गुंडागर्दी, मारपीट
2024 – तेलीबांधा इलाके में गुंडागर्दी, मारपीट,
2025 – तेलीबांधा में गुंडागर्दी, मारपीट, - 2025 – पुरानीबस्ती में ब्लैकमेलिंग, वसूली, गुंडागर्दी, कर्जा एक्ट आदि
बड़े नेताओं से हैं सूदखोर के संबंध
शहर के कई बड़े नेताओं से सूदखोर वीरेंद्र के संबंध हैं। मंत्री, विधायक आदि के साथ उसके कई पोस्टर शहर में लगते थे। इसके चलते कर्ज लेने वाले इनसे भयभीत रहते थे और ब्याज के नाम पर जितना पैसा मांगते थे, उतना दे देते थे। थानों में शिकायत करने से भी डरते थे।
कई अपराध, सजा एक में भी नहीं
आरोपी वीरेंद्र सिंह तोमर और उसके भाई रोहित तोमर के खिलाफ अलग-अलग थानों में हत्या, ब्लैकमैलिंग, धोखाधड़ी, गुंडागर्दी, वसूली जैसे कई अपराध दर्ज हैं, लेकिन किसी भी मामले में दोनों को सजा नहीं हुई है। यह सोचने वाली बात है कि इतने अपराध दर्ज होने के बाद किसी में सजा ही नहीं हुई है। इससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या इनके मामलों की सही ढंग से जांच नहीं हुई? पुलिस के चालान में खामियां रह जाती हैं? या गवाहों को डराया-धमकाया जाता है? क्या उन्हें बयान देने से रोका जाता है?