शहर के चौक-चौराहों पर ट्रैफिक दबाव और मूवमेंट की समस्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसी स्थिति में शास्त्री चौक में ऑटो वालों का स्टैण्ड समाप्त किया गया। सड़क सुरक्षा समिति के सुझाव पर ऐसे 18 चौक-चौराहों का सर्वे कराया, जहां सुधार की जरूरत है। इस पर पहली बार ट्रैफिक पुलिस और
नगर निगम के इंजीनियर एक साथ काम करेंगे। अफसरों का कहना है कि जिन जगहों पर बिजली के पोल बाधा बन रहे हैं, उन्हें शिफ्ट कराएंगे।
लेफ्ट, राइट मुड़ने में यदि निर्माण बाधक बन रहे हैं, तो उसे तोड़कर ट्रैफिक मूवमेंट बनाने के लिए संयुक्त रूप से काम करने का प्लान किया है। इसके साथ ही जिन चौराहों से गोल घेरा तोड़ा गया था, वहां जरूरत के अनुरूप घेरे भी बनाने का काम कराएंगे। जैसे महिला थाना चौक के पास उत्कल गौरव मधुसूदन दास की प्रतिमा बीच में हुआ करती थी, जिसे किनारे में शिफ्ट किया गया। उस चौक में अब स्टॉपर लगाकर गोल घेरा बनाया गया है। क्योंकि इस चौक से ट्रैफिक पांच तरफ के रोड से निकलता है।
राजधानी बनने के बाद से चौक-चौराहों में तोड़फोड़ वाले प्रयोग में अब तक 3 से 4 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हुए। लेकिन ट्रैफिक मूवमेंट नहीं हुआ। बल्कि सिग्नल ग्रीन होने तक जाम में सुबह से शाम तक फंसना पड़ता है। हालांकि चौड़ाई बढ़ी, लेफ्ट, राइट के रास्ते भी बनाए गए, लेकिन लगातार ट्रैफिक का दबाव बढ़ने से कुछ काम नहीं है। ये समस्या लगातार बनी हुई है। अवंति बाई चौक पर शंकरनगर रोड तरफ मुंडना ही मुश्किल होता है।
शहर के 18 चौक-चौराहों पर ट्रैफिक मूवमेंट के लिए 9 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है। इस राशि से सौंदर्यीकरण के काम नहीं होंगे, बल्कि ट्रैफिक पुलिस के साथ प्लानिंग के हिसाब से सुधार कराने के काम होंगे। ताकि सिग्नल पर ज्यादा ट्रैफिक जाम न हो।
- अंशुल शर्मा जूनियर, कार्यपालन अभियंता, निगम