आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर प्रकरण में आगे की जांच होगी। आरोपी अनिल को 7 जुलाई को कोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया था। इस प्रकरण में सेंट्रल जीएसटी के वाहन चालक विनय राय और अधीक्षक भरत सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
Fake GST News: अनवर और टुटेजा 4 दिन की जेल में भेजे गए
सेंट्रल जीएसटी की टीम ने 28-29 जनवरी 2025 को दुर्ग के स्टेशन रोड स्थित मेसर्स वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी में छापा मारा था। तलाशी के दौरान गड़बडी़ पकडे़ जाने पर संचालक लालचंद अठवानी से 34 लाख रुपए की डिमांड की गई। इस दौरान अनिल गुप्ता ने स्वयं को जीएसटी अधिकारी बताकर कर पूरा मामला 5 लाख में सेट कराने का आश्वासन दिया। इसकी सूचना मिलने पर
सीबीआई की टीम ने 31 जनवरी 2025 की शाम वीआईपी रोड स्थित करेंसी टावर के पास 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए कार चालक विनय राय को गिरफ्तार किया। उससे मिली जानकारी के आधार पर सीबीआई की टीम ने सीजीएसटी के दफ्तर में दबिश दी। इस दौरान फर्जी जीएसटी अधिकारी अनिल गुप्ता फरार हो गया।
Fake GST News: फर्जी जीएसटी अधिकारी केस
कस्टम मिलिंग घोटाले में पूर्व
आईएएस अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया। इस दौरान ईओडब्ल्यू ने बताया कि उनकी पूछताछ पूरी हो चुकी है। दोनों से मिली जानकारी के आधार पर मामले की जांच होगी। विशेष न्यायाधीश ने जांच एजेंसी द्वारा किसी भी तरह का आवेदन नहीं लगाने पर 4 अगस्त तक के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।
इस प्रकरण में जमानत के लिए अनवर की ओर से आवेदन लगाया गया है। इसमें बताया गया है कि कस्टम मिलिंग घोटाले से उनका कोई लेनादेना नहीं है। उनके पक्षकार को झूठे प्रकरण में फंसाया गया है। जबकि इस घोटाले के मुख्य आरोपी मनोज सोनी और रोशन को जमानत मिल चुकी है। इसे देखते हुए अनवर को जमानत दिए जाने का अनुरोध किया। इस आवेदन पर 24 जुलाई को बहस होगी।
नवनीत से पूछताछ होगी
ईओडब्ल्यू ने
कोयला घोटाले में गिरफ्तार किए गए नवनीत तिवारी को 25 जुलाई तक पूछताछ करने रिमांड पर लिया है। सोमवार को उसे विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने बताया कि इस प्रकरण में जेल भेजे गए सूर्यकांत तिवारी ने अपने भाई को कोरबा और रायगढ़ में कोयला की अवैध वसूली का काम दिया।
वहां 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से वसूली करने की जानकारी मिली है। इसे एकत्रित कर सिंडिकेट में शामिल सभी लोगों तक पहुंचाया जाता था। इस संबंध में पूछताछ करनी है।