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liquor scam: ईओडब्ल्यू ने छापेमारी के बाद कारोबारियों से मांगा हिसाब, दस्तावेज पेश नहीं करने पर करेगी जब्त

liquor scam: शराब घोटाले में कारोबारियों के 4 दिनों में 17 से 20 मई के बीच रायपुर, राजिम, महासमुंद, धमतरी, दुर्ग-भिलाई, जगदलपुर, सुकमा, दंतेवाडा़ सहित कुल 52 ठिकानों में छापेमारी की गई।

रायपुरMay 22, 2025 / 10:02 am

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liquor scam: ईओडब्ल्यू ने छापेमारी के बाद कारोबारियों से मांगा हिसाब, दस्तावेज पेश नहीं करने पर करेगी जब्त
liquor scam: ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले में छापेमारी के बाद कारोबारियों से प्रॉपर्टी, ज्वेलरी, निवेश, लेनदेन के दस्तावेज, बैंक ट्रांजेक्शन और 1 करोड़ 9 लाख रुपए का हिसाब मांगा है। साथ ही इसके दस्तावेजी साक्ष्य पेश करने को कहा है। इसका हिसाब नहीं देने पर घोटाले से अर्जित ब्लैकमॅनी मानकर सीज किया जाएगा। आय-व्यय और अर्जित होने वाले स्रोत का ब्यौरा देने पर इसका परीक्षण किया जाएगा।
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तलाशी में बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को डिकोड करने एक्सपर्ट को बुलवाया गया है। रिपोर्ट मिलने पर सिंडीकेट में शामिल लोगों के ठिकानों में छापेमारी का सिलसिला शुरू होगा। बता दें कि 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में जेल भेेजे गए पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा व उनके पुत्र हरीश के करीबी दोस्तों, कारोबारियों के 4 दिनों में 17 से 20 मई के बीच रायपुर, राजिम, महासमुंद, धमतरी, दुर्ग-भिलाई, जगदलपुर, सुकमा, दंतेवाडा़ सहित कुल 52 ठिकानों में छापेमारी की गई। इस दौरान बरामद चल-अचल संपत्तियों, कैश, ज्वेलरी और अन्य दस्तावेजों को जांच के लिए जब्त किया गया है।
गिरफ्तारी का सिलसिला जल्द

शराब घोटाले में लगातार छापेमारी के बाद जल्दी ही गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू होगा। ईओडब्ल्यू के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि दस्तावेजों के परीक्षण और पूछताछ के दौरान संतोषजनक जवाब नहीं देने पर गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।
जांच की आंच मुंबई तक पहुंची

शराब घोटाले की जांच छत्तीसगढ़ और यूपी के नोएडा से होते हुए मुंबई तक पहुंच गई है। बताया जाता है कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी के बेटे हरीश और छापेमारी की जद में आने वाले रायपुर के जी नागेश द्वारा मुंबई के ठाणे में एक कारोबारी के निवेश करने के इनपुट मिले थे। इसकी जांच करने के लिए ईओडब्ल्यू की टीम मुंबई गई है। बताया जाता है कि शराब घोटाले से अर्जित ब्लैकमॅनी पकडे़ जाने के डर से मनीलॉन्ड्रिग के जरिए रकम को जांच एजेंसी ने निवेश करना बताया है।

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