मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसका खुलासा किया गया है। इसमें बैंक खातों में जमा राशि, फिक्स डिपॉजिट, डीमैट खातों में शेयर, आपत्तिजनक दस्तावेज़/डिजिटल उपकरण और वाहन शामिल है। यह कार्रवाई 30 और 31 जुलाई को शशांक चोपड़ा, उनके परिवार के सदस्यों के साथ ही स्वास्थ्य अफसरों के 20 ठिकानों पर छापेमारी के बाद की गई है। इस दौरान तलाशी में बरामद दस्तावेजों की जांच करने के बाद ईडी ने उक्त सभी की चल- अचल संपत्तियों को आगामी आदेश तक के लिए अटैच किया गया है।
चोपड़ा और परिजनों
बता दें कि ईओडब्ल्यू ने 660 करोड़ के दवा खरीद घोटाले में स्वास्थ्य विभाग के बड़े सप्लायर मोक्षित कार्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा और पांच सरकारी अधिकारियों बसंत कुमार कौशिक, छिरोद रौतिया, कमलकांत पाटनवार, डॉक्टर अनिल परसाई और दीपक कुमार बंधे को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। साथ ही सभी के खिलाफ 18 हजार पन्नों का चालन पेश किया जा चुका है। अफसरों से पूछताछ
विधानसभा में
सीजीएमएससी घोटाला को लेकर हंगामा होने पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने माना था कि बड़े पैमाने पर अनुपयोगी उपकरणों की खरीदी की गई है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की संलिप्तता भी को माना था। राज्य सरकार के निर्देश पर ईओडब्ल्यू ने छापेमारी कर शंशाक चोपड़ा सहित अन्य को गिरफ्तार कर पूरे मामले में तीन आईएएस अफसरों से पूछताछ की गई थी। इसके बाद आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिडिंकेट बनाकर हुए इस घोटाले की जांच करने के लिए ईडी ने पूरे प्रकरण की जांच कर छापेमारी की।