पुलिस के मुताबिक, यास्मीन बानो और उनके पति सैयद आसिफ अली के बीच विवाद चल रहा था। इसकी शिकायत यास्मीन ने महिला थाने में की थी। उस समय वेदवति दरियो थाना प्रभारी थीं। शिकायत के आधार पर यास्मीन और उनके पति आसिफ की काउंसलिंग चल रही थी।
तीसरी काउंसलिंग के बाद भी यास्मीन अपनी शिकायत पर कायम रही। उसने समझौता नहीं किया। इसके बाद भी तत्कालीन टीआई दरियो ने यास्मीन के पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की। इसकी शिकायत यास्मीन ने एसपी से की। इसके बाद टीआई ने एफआईआर दर्ज करने के लिए यास्मीन को थाने बुलाया था।
महिला थाने में पीड़िता की पिटाई
17 मार्च 2024 को यास्मीन अपनी मां के साथ महिला थाना पहुंची, तो वहां पहले से आसिफ अपने दोस्त देवेंद्र सोनकर व भरत ठाकुर के साथ बैठा था। आरोप है कि चर्चा के दौरान वेदवति आवेदिका की बात नहीं सुन रही थी। इस बीच आसिफ अली ने यास्मीन को गाली देना शुरू कर दिया। यह सुनकर यास्मीन की मां भी आसिफ अली को बुरा भला कहने लगी। इसके बाद टीआई वेदवति ने अपने स्टॉफ एसआई शारदा वर्मा, महिला सिपाही फगेश्वरी कंवर व चार-पांच अन्य महिला स्टॉफ और आसिफ ने मिलकर यास्मीन व उसके परिवार वालों के साथ गाली-गलौज करते हुए
मारपीट की। इससे आवेदिका की गर्दन, पीठ में डंडे व बेल्ट के निशान बन गए थे। इसकी शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।
पीड़िता ने कोर्ट में की शिकायत
इसके बाद पीड़िता ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में परिवाद लगाया था। कोर्ट के आदेश पर शनिवार को कोतवाली पुलिस ने महिला थाने की तत्कालीन टीआई वेदवति दरियो, एसआई शारदा वर्मा, सिपाही फगेश्वरी कंवर, सैय्यद आसिफ अली के खिलाफ धारा 294, 323, 506 भाग 02/34 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।