विधायक निधि से कार्य कराने के लिए कलेक्टर की स्वीकृति जरूरी
विधायकों को हर साल विधायक निधि के तौर पर चार करोड़ रुपए की राशि मिलती है। इसमें से विधायक 74 प्रतिशत यानी 2.96 करोड़ रुपए एवं पूंजीगत प्रकृति के कार्यों के लिए उपयोग कर सकते हैं। जबकि शेष 26 प्रतिशत 1.04 करोड़ रुपए का उपयोग जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा और जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद कलेक्टर द्वारा स्वीकृत कार्यों के लिए किया जा सकता है। देखने में आया है कि कई बार विधायक अपनी निधि भी पूरी खर्च नहीं कर पाते हैं। एलएडी क्षेत्र की जनता यह स्पष्ट रूप से जान पाएगी कि उनके विधायक निधि में कितना पैसा खर्च हुआ है और कितना मद बचा है।अब विधायक निधि से अनाप-शनाप खर्चों पर लगेगी रोक
विधायकों के विधायक निधि के खर्चों का हिसाब-किताब ऐप में सार्वजनिक होने से अनाप-शनाप खर्चों पर काफी हद तक अंकुश लगेगा। विधायक अपनी विधायक निधि का उपयोग जनहित में ही करेंगे। बता दें कि कुछ विधायकों पर आरोप लगते रहे हैं कि विधायक निधि को स्वेच्छानुदान के रूप में मनमाने तरीके से अपने ही परिवार के लोगों में ही बांट देते हैं। जबकि जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल पाती है। क्षेत्र में बहुत सारे किए जाने वाले कार्य विधायक निधि के मद से नहीं हो पाते हैं जिसका कि विधायक ने चुनाव के वक्त ऐलान किया होता है। वजह है कि विधायक निधि पर हर बार सवाल उठते रहते हैं।विधायक निधि से ये काम
नाली, सड़क व अन्य निर्माण कार्य, विद्यालयों की मरम्मतगरीबों के इलाज के लिए
महापुरुषों के नाम स्मृति द्वार
हैंडपंप, सोलर व स्ट्रीट लाइट
व्यायाम शाला वओपन जिम।
