समय पर पूरा होता प्रोजेक्ट को लोगों को मिलती सुविधाएं: जनहित के निर्माण कार्यों को समय पर पूरा कराने में ही सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारी और इंजीनियर लापरवाही बरत रहे हैं। ऊपर से संबंधित ठेेकेदारों पर कार्रवाई नहीं करना कई सवाल भी खड़े कर रहे हैं। यदि जनहित के कार्यों को समय पर पूरा कराते तो आम जनता को इसका लाभ भी मिलता। साथ ही सरकार के खजाने को चपत भी नहीं लगती।
CG News: प्रोजेक्ट का नाम लागत – विलंब
- जीपीओए का निर्माण, नवा रायपुर – 0.71 करोड़ – 25 महीने
- बरौंडा एनआईबीएसएम प्रशासनिक भवन, स्कूल भवन, बालक और बालिका छात्रावास सहित अन्य निर्माण कार्य – 2.96 करोड़ – 13 महीने
- भिलाई में 100 बिस्तर वाले अस्पातल ईएसआईसी अस्पताल का निर्माण – 2.74 करोड़ – 34 महीने
- कुठेलाभाटा दुर्ग में आईआईटी भिलाई – 56 करोड़ – 20 महीने
- जगदलपुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल – 23 करोड – 44 महीने
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और सिस्टम्स और मशीनरी के कार्य – 0.40 करोड़ – 21 महीने
स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट भी समय पर पूरे नहीं
बता दें कि करीब स्मार्ट सिटी के चार प्रोजेक्ट में समय पर पूरे नहीं हो पाए हैं। हालांकि प्रोजेक्ट की लागत में कोई वृद्धि नहीं हुई, लेकिन समय-सीमा जरूर एक से दो साल तक बढ़ गई है। जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर में तीन तालाबों में एसटीपी लगाने का काम 9 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। लेकिन यह दो साल से ज्यादा लेट हो चुका है।
इसी तरह रायपुर में 24 घंटे पानी सप्लाई का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। यह प्रोजेक्ट भी एक साल की देरी हो गई है। इसकी लागत 168 करोड़ रुपए। इसके अलावा शास्त्री मार्केट में चार मंजिला कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसकी लागत 13 करोड़ रुपए है। यह निर्माण एक साल पहले पूरा हो जाना था। लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ।