विषय विशेषज्ञों द्वारा सह-मार्गदर्शक के द्वारा दिए गए डॉक्टरेट मार्गदर्शन को अस्वीकार करते हुए मौखिक रूप से अपात्र घोषित किया जा रहा है। विषय विशेषज्ञों ने मार्गदर्शन के लिए केवल मार्गदर्शक को ही पात्र मान्य किए जाने की बात कही। जबकि यूजीसी नियमानुसार सफलतापूर्वक डॉक्टोरल मार्गदर्शन में मार्गदर्शक और सह मार्गदर्शक दोनों का समान महत्व होता हैं और दोनों के पास मार्गदर्शन करने का समान अनुभव होता है। इसके लिए विवि द्वारा जारी शोध मार्गदर्शन का आरडीसी पंजीयन, पीएचडी शोध प्रबंध और पीएचडी अवार्ड नोटिफिकेशन दस्तावेज साक्ष्य के रूप में दोनों के पास उपलब्ध होता है।
गाइड और को-गाइड का योगदान समान
आयोग के विज्ञापन में आवश्यक शैक्षणिक अर्हताएं में दिया गया है कि विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक/सह प्राध्यापक/प्राध्यापक के रूप में न्यूनतम 10 वर्ष का शैक्षणिक अनुभव अथवा विश्वविद्यालय/राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में समतुल्य स्तर पर शोध अनुभव के साथ सफल रूप से डॉक्टरेट के अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन करने का साक्ष्य हो। इसमें स्पष्ट है कि सह मार्गदर्शक के पास भी शोध अनुभव के साथ डॉक्टरेट के अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन करने का साक्ष्य रहता है तो उसको मान्य नहीं करना उनके लिए विश्वासघात है जिन्होंने मेहनत करके अपना अहम योगदान दिया है। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों के पीएचडी आर्डिनेंस में भी शोध मार्गदर्शन में मार्गदर्शक एवं सहमार्गदर्शक की भूमिका को समान रुप से स्वीकारा गया हैं। राजभवन छत्तीसगढ़ से पीएचडी के लिए अनुमोदित आर्डिनेंस से स्पष्ट है कि गाइड और को-गाइड के योगदान को समान रूप से पीएचडी के लिए सफल मार्गदर्शन माना जाता हैं। साथ ही यूजीसी इन्लिबनेट द्वारा संचालित शोधगंगा के शोध प्रबंध संग्रह में भी गाइड और को-गाइड को समान महत्व दिया जाता है और गाइड वाले कॉलम में दोनों का नाम अंकित होता हैं।
प्रोफेसर की 595 पदों पर होनी है भर्ती
आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग में प्राध्यापक (प्रोफेसर) के कुल 595 पदों की सीधी भर्ती के लिए सितंबर 2021 में विज्ञापन निकाला था। फिर अगस्त 2024 में आयु सीमा और शैक्षणिक अर्हता में कुछ संशोधनों के साथ शुद्धि पत्र जारी करते हुए 6 सितंबर 2024 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे। अभी प्रोफेसर (विषय – वनस्पति शास्त्र, भौतिक शास्त्र, हिंदी, रसायन शास्त्र, प्राणीशास्त्र, भूगोल, समाजशास्त्र, गणित, अर्थशास्त्र, भूगर्भ शास्त्र एवं मनोविज्ञान) उच्च शिक्षा विभाग के दस्तावेज सत्यापन के लिए 11 विषयों के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन 2 जून से 25 अगस्त तक दो पालियों में किया जा रहा है। तीसरे चरण में 19 अगस्त से 22 सितंबर तक प्रोफेसर के अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन किया जाएगा।