2019 से 2022 तक अफसरों ने झारखंड की शराब नीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। साथ ही छत्तीसगढ़ में हुए 2161 करोड़ के शराब घोटाले में अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, अनिल टुटेजा, कवासी लखमा और अरुणपति त्रिपाठी सहित 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उक्त सभी ने सिंडीकेट बनाकर नकली होलोग्राम के जरिए शासकीय दुकानों से शराब बिक्री की।
झारखंड के अफसरों की भूमिका
झारखंड में हुए शराब घोटाले में आबकारी सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त आबकारी आयुक्त गजेन्द्र सिंह सहित अन्य लोग शामिल थे। शराब नीति तय करने के लिए अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी की अहम भूमिका रही है। दोनों राज्यों से इसके कनेक्शन जुडे़ होने के कारण सीबीआई ने इसे जांच के दायरे में लिया है। बता दें कि
छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले की ईडी और ईओडब्ल्यू जांच कर रही है।