CG Politics: एक चर्चा यह भी
बता दें कि फरवरी में जिन निकायों में चुनाव हुए हैं उस हिसाब से शासन को 664 एल्डरमैनों की नियुक्ति की जानी है। निकायों के पार्षदों के बीच एल्डरमैनों की नियुक्ति को लेकर चर्चा है कि इस बार शायद की नियुक्ति हो, क्योंकि न तो संगठन और न ही शासन स्तर पर एल्डरमैनों की नियुक्ति को लेकर कोई कवायद की जा रही है। ऐसे में निकायों में पार्षदों के बीच होने लगी है कि अब शायद ही एल्डरमैनों की नियुक्ति हो। कुछ भाजपा नेताओं का यह भी कहना है कि साय सरकार में अभी दो नए मंत्रियों की नियुक्ति नहीं हुई तो बाकी पदों पर कयास लगाना बेमानी है। जब नए मंत्री बनाने में विलंब हो रहा है तो स्वभाविक है बाकी पदों पर नियुक्ति में विलंब होना। निकायों में इतने एल्डरमैन
बता दें कि छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 9 के तहत नगरीय निकायों में एल्डरमैन एवं दिव्यांग मनोनीत सदस्य नियुक्त किए जाते हैं। नगर निगमों में 8, नगर पालिकाओं में 5 और नगर पंचायतों में 3 एल्डरमैन नियुक्त किए जाते हैं। वार्डों की संख्या अधिक होने पर इनकी संख्या बढ़ सकती है। फरवरी में निकाय चुनाव में राज्य में 10 नगर निगमों, 49 नगरपालिकाओं और 113 नगर पंचायतों में चुनाव हुए हैं। इस हिसाब से नगर निगम में 80, नगर पालिका में 245 और नगर पंचायतों 339 में एल्डरमैनों की नियुक्ति की जानी है। इस तरह से 664 एल्डरमैनों की नियुक्ति की होगी।
एक को एल्डरमैन बनाने से 20 कार्यकर्ता खुश
भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का मानना है कि यदि किसी एक सीनियर कार्यकर्ता को एल्डरमैन या किसी अन्य पद पर नियुक्ति की जाती है तो उनके साथ कम से कम 20 कार्यकर्ता जरूर खुश होते हैं। उनके कार्यकर्ताओं को लगने लगता है कि चलो कम से उनके किसी को व्यक्ति को अच्छा पद तो मिला।
पार्षद की तरह मिलती है पार्षद निधि
निकायों में नियुक्त होने वाले पार्षदों को वार्ड पार्षद की तरह ही पार्षद निधि प्रदान की जाती है। निगम की हरेक बैठक में शामिल होकर विकास कार्य सहित अन्य मामलों में सुझाव भी दे सकते हैं। हां, इतना जरूर है कि निकायों की सामान्य सभा में किसी एजेंडे को पारित करने के समय बहुमत साबित करने के लिए वोटिंग में भाग नहीं ले सकते हैं।