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रायपुर

पाठ्य पुस्तक निगम का बड़ा फैसला! अब स्कूलों में ही स्कैन होंगी किताबें, 7 दिन में देनी होगी रिपोर्ट

CG News: पाठ्य पुस्तक निगम अध्यक्ष राजा पांडे ने कहा कि सरकारी पुस्तकों के वितरण में अनियमिता की रोकथाम के लिए सरकार ने स्कैन पद्धति से पुस्तक वितरण करने का निर्णय लिया है।

रायपुरJul 04, 2025 / 08:06 am

Laxmi Vishwakarma

पुस्तक स्कैन कर 7 दिन में देनी होगी रिपोर्ट (Photo source- Patrika)

पुस्तक स्कैन कर 7 दिन में देनी होगी रिपोर्ट (Photo source- Patrika)

CG News: पाठ्य पुस्तक निगम को अखिरकार प्राइवेट स्कूल संचालकों की बात मान पड़ी। निगम ने डिपो में ही बैठकर किताबें स्कैन करने के निर्णय में सुधार करते हुए स्कूलों को किताबें उठाने के पश्चात अपने स्कूल में ही स्कैन करने की छूट दे दी है। साथ ही यह भी कहा है कि स्कूलों को पुस्तक ले जाने के बाद 7 दिन में पुस्तकों को स्कैन कर रिपोर्ट भी देनी होगी।

CG News: पाठ्य पुस्तक निगम ने नियमों में किया बदलाव

पाठ्यपुस्तक की डिपो में पहले ही दिन से किताबें उठाने को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी। स्कूल संचालकों को किताबें स्कैन करने के कारण काफी समय लग रहा था। ऐसे में दूसरे ही दिन छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने मांग रखी थी और तीसरे तीन पुस्तक उठाना बंद कर निगम कार्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया। स्कूल संचालकों की परेशानी को पत्रिका ने 3 जुलाई के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद पाठ्य पुस्तक निगम ने नियमों में बदलाव किया है।
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निगम की ओर से जारी किए पत्र में अशासकीय स्कूलों में राज्य के 6 डिपो से 25 दिनों के भीतर किताबें स्कैन करने के बाद ले जाने को कहा गया था। राज्य में 8284 स्कूल संचालित हैं। कई जिलों को बहुत कम समय मिला था और स्कूल के पास हजारों किताबों को स्कैन करना भारी पड़ रहा था। इसके कारण उन्हें अपने शिक्षकों के साथ डिपो जाना पड़ रहा था उसके बाद भी उन्हें काफी वक्त लग रहा था। राज्य में अभी अंबिकापुर, रायपुर, जगदलपुर, राजनांदगांव, रायगढ़ और बिलासपुर में अशासकीय विद्यालयों को पाठ्य पुस्तक वितरण किया जाना है।

किताब वितरण में स्कैनिंग में हो रही थी दिक्कत

पाठ्य पुस्तक निगम अध्यक्ष राजा पांडे ने कहा कि सरकारी पुस्तकों के वितरण में अनियमिता की रोकथाम के लिए सरकार ने स्कैन पद्धति से पुस्तक वितरण करने का निर्णय लिया है। निजी स्कूलों को किताब वितरण में स्कैनिंग करने में दिक्कत आ रही थी।
चूंकि वर्तमान में शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो चुका है अत: छात्रों की असुविधा को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया की किताबों का वितरण अशासकीय स्कूलों को कर दिया जाए और निजी स्कूलों को छूट प्रदान की गई है कि 7 दिनों के अंदर किताबों का स्कैन करके उसकी रिपोर्ट पाठ्य पुस्तक निगम में जमा कराएं। गुरुवार रात तक सभी डिपो में यह आदेश भेज दिया गया है। 6-7 दिनों में प्रदेश के सभी स्कूलों में निशुल्क किताबें पहुंच जाएंगी।
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स्कैनिंग में लग रहा था काफी समय

CG News: हर स्कूल को उनके बच्चों के हिसाब से हजारों किताबें बांटनी थी। इसलिए स्कैनिंग करने में ही सभी को काफी समय लग रहा था। वहीं, सर्वर भी ठीक से काम नहीं कर रहा था। इसके चलते शिक्षक परेशान हो रहे थे। वहीं डिपो में पीने का पानी, प्रसाधन जैसी सुविधाएं भी नहीं थी। कई शिक्षक रात तक रूक कर स्कैनिंग का कार्य कर रहे थे। ऐसी ही कई दिक्कतों का सामना स्कूल संचालकों और करना पड़ रहा था।

एसोसिएशन ने रखी थी तीन मांगें

प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की तीन मांग थी। इसमें किताबें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के द्वारा जिलों में उपलब्ध करवाए जाने। किताबें अपने स्कूल में ले जाकर बारकोड स्कैन करने की सुविधा दिए जाने और दर्ज संख्या के हिसाब से किताबें स्कूलों को दिए जाने की मांग रखी गई थी।

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