यह घोटाला 2021-2022 सीजन के दौरान तेंदुपत्ता संग्राहकों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में किया गया था। घोटाला करने के लिए मृत और अज्ञात लोगों के नाम से बोनस की राशि को आपस में बांट लिया। इसके लिए सुकमा के वनमंडलाधिकारी (डीएफओ) अशोक कुमार पटेल ने पद का दुरुपयोग करते हुए सिंडीकेट बनाया।
CG News: ईओडब्ल्यू ने की कार्रवाई
इसमें वन विभाग के अधिकारियों, विभिन्न प्राथमिक लघुवनोपज समिति के प्रबंधकगण एवं पोषक अधिकारीगण को शामिल किया। घोटाले की जानकारी मिलने पर ईओडब्ल्यू ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया। इसमें सुकमा के तत्कालीन
डीएफओ अ्रशोक पटेल, डिप्टी रेंजर चैतूराम बघेल, देवनाथ भारद्वाज, पोड़ियामी इड़िमा (हिडमा) वनरक्षक मनीष कुमार बारसे और प्रबंधक-पायम सत्यनारायण उर्फ शत्रु, मो. शरीफ, सीएच. रमना (चिट्टूरी), सुनील नुप्पो, रवि कुमार गुप्ता, आयतू कोरसा एवं मनोज कवासी शामिल है। उक्त सभी लोगों को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
इस तरह हुआ घोटाला
तेंदूपत्ता संग्रहण के एवज में संग्राहकों को वर्ष 2021 एवं 2022 का तेंदुपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक के लिए संग्राहकों को दिया जाना था, लेकिन तत्कालीन डीएफओ ने वनकर्मियों के साथ सांठगांठ कर 7 करोड़ रुपए आपस में बांट लिए। साथ ही दस्तावेजों में इसे वितरित करना बताया। यह राशि मृतक वनकर्मियों के साथ ही अपने करीबी लोगों को बांटी गई। जिनका तेंदूपत्ता तोड़ाई और संग्रहण कार्य से कोई नाता ही नहीं था। शिकायत पर जांच के बाद
ईओडब्ल्यू द्वारा छापेमारी की गई थी। जिनका तेंदूपत्ता तोड़ाई और संग्रहण कार्य से कोई नाता ही नहीं था। शिकायत पर जांच के बाद ईओडब्ल्यू द्वारा छापेमारी की गई थी।