scriptRaipur News: नया रायपुर में बनेगा अखिल भारतीय श्रवण और वॉक संस्थान, 25 एकड़ जमीन चिह्नित | All India Hearing and Walk Institute will be built in Naya Raipu | Patrika News
रायपुर

Raipur News: नया रायपुर में बनेगा अखिल भारतीय श्रवण और वॉक संस्थान, 25 एकड़ जमीन चिह्नित

Raipur News: रायपुर में 25 एकड़ जमीन चिन्हित भी कर ली है। इसके लिए बजट का प्रावधान भी कर लिया गया है। संस्थान एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की तरह होगा जहां मूकबधिर जैसे 18 डिसेबिलिटी की समग्र चिकित्सा व्यवस्था मिलेगी।

रायपुरJul 29, 2025 / 07:58 am

Love Sonkar

Raipur News: नया रायपुर में बनेगा अखिल भारतीय श्रवण और वॉक संस्थान, 25 एकड़ जमीन चिह्नित

नया रायपुर में बनेगा अखिल भारतीय श्रवण और वॉक संस्थान (Photo Patrika)

Raipur News: नया रायपुर में जल्द ही अखिल भारतीय श्रवण एवं वॉक संस्थान बनेगा। इसके लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने नया रायपुर में 25 एकड़ जमीन चिन्हित भी कर ली है। इसके लिए बजट का प्रावधान भी कर लिया गया है। संस्थान एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की तरह होगा जहां मूकबधिर जैसे 18 डिसेबिलिटी की समग्र चिकित्सा व्यवस्था मिलेगी। साथ ही स्पेशलाइजेशन में पढ़ाई भी होगी।

संबंधित खबरें

देश में ऐसे संस्थान कुछ ही जगह संचालित है, जहां स्पेशल बच्चों को चिकित्सा व्यवस्था मिलने के साथ ही पढ़ाई की फैसिलिटी भी है। अखिल भारतीय श्रवण एवं वॉक संस्थान (एआईआईएसएच) मैसूर की तर्ज पर इसका विकास किया जाएगा। संस्थान के डेवलपमेंट का कार्य केंद्र सरकार के द्वारा किया जाएगा। राज्य की ओर से जगह चिन्हांकित कर केंद्र सरकार को इसकी जानकारी भी भेज दी गई है। जानकारों की माने तो अगले पांच साल के अंदर इसकी शुरुआत हो जाएगी। नया रायपुर में चार संस्थान शुरू करने के लिए 27 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

2018 से शुरू करने की कवायद

छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद की ओर से स्पेशल बच्चों के लिए इस संस्थान को राज्य में शुरू करने के लिए 2018 से काम कर रहे थे। परिषद के अध्यक्ष सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इसे शुरू करने की पहल भी की। उन्होंने मुख्यमंत्री और सेंट्रल गवर्नमेंट को पत्र लिखा। विभाग की ओर से काफी काम किया गया है। स्टेट गवर्नमेंट द्वारा केवल जमीन आवंटित करना था। अब सेंट्रल गवर्नमेंट सर्वे कराएगी उसके बाद प्रपोजल बनेगा। फिर इसके बनने का काम शुरू होगा।
उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में ऐसी कोई राष्ट्रीय संस्थान नहीं: छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से श्रवण एवं भाषा बाधित बच्चों और युवाओं की संख्या बड़ी है। ग्रामीण व जनजातीय क्षेत्रों में ऐसे बच्चों की पहचान, मूल्यांकन व पुनर्वास की सुविधा बहुत सीमित है। जिससे क्षेत्रीय विशेषज्ञता जरूरी है। उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में ऐसी उच्च गुणवत्ता वाली राष्ट्रीय संस्थान नहीं है। संस्थान के स्थापित होने से स्थानीय बोली, संस्कृति, व शैक्षणिक जरूरतों के अनुरूप शोध और प्रशिक्षण संभव होगा।
वहीं, स्थानीय युवाओं को ऑडियोलॉजी, स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी, विशेष शिक्षा में प्रशिक्षण मिलेगा। इससे राज्य में विशेषज्ञों की उपलब्धता बढ़ेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार भी उत्पन्न होगा। संस्थान शुरू हो जाने से राज्य सरकार को दिव्यांग नीति, स्कीम डिजाइन, सर्वेक्षण व मॉनिटरिंग जैसे विषयों में टेक्निकल सलाह उपलब्ध होगी। इससे नीति और ग्राउंड पर अमल के बीच बेहतर तालमेल बनेगा। वही छत्तीसगढ़ में संस्थान खुलने से झारखंड, ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के दिव्यांगों को नजदीक में उच्च स्तरीय सेवा उपलब्ध होगी।
जानकारों के अनुसार, राज्य में स्पेशलाइज्ड एक्सपर्ट नहीं है। वहीं यहां पढ़ाई करने वाले भी पढ़ने के बाद बाहर चले जाते हैं। यहां जो काम करते हैं वो अपने हिसाब से काफी चार्ज करते हैं। साथ ही वहां के स्टाफ प्रोफेशनल है या नहीं ये भी नहीं पता होता। संस्थान में प्रोफेशनल रहेंगे। सभी डिग्री कोर्स भी होगा। जिससे प्रोफेशनल्स भी निकलेंगे। जिससे राज्य के साथ ही पड़ोसी राज्यों को भी फायदा होगा।
संस्थान ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की तरह होगा। जहां चिकित्सा के साथ ही पढ़ाई भी होगी। संस्थान के लिए जगह चिन्हाकिंत कर लिया गया है। केंद्र सरकार को डिटेल्स भी भेज दिया गया है आगे की काईवाई वही करेंगे। सौभाग्य है संस्थान हमारे शहर में आ रही हैं।
  • डॉ. स्मृति देवांगन, उप संचालक, नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल का डेफनेस, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं

Hindi News / Raipur / Raipur News: नया रायपुर में बनेगा अखिल भारतीय श्रवण और वॉक संस्थान, 25 एकड़ जमीन चिह्नित

ट्रेंडिंग वीडियो