उन्हें यह पुरस्कार जनजातीय बस्तर जाला कोसा साड़ी के लिए दिया जाएगा। इन्हें 7 अगस्त को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह के दौरान
राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि देशभर से कुल 24 बुनकरों का चयन किया गया है। इनमें 5 संतकबीर पुरस्कार और 19 राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार शामिल हैं।
24 पुरस्कार विजेताओं को करेंगी सम्मानित कुल 24 पुरस्कार विजेताओं को 7 अगस्त 2025, गुरुवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा। जिसमें 5 संत कबीर पुरस्कार और 19 राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार शामिल हैं।
इस भव्य समारोह में कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह, सांसद, उद्योग जगत के नेता, डिजाइनर, निर्यातक, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, छात्र और देशभर से आए 500 से अधिक बुनकर उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (NHDP) के तहत हथकरघा विपणन सहायता (HMA) घटक में स्थापित ये पुरस्कार उत्कृष्ट शिल्पकला, नवाचार और भारत की बुनाई परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए समर्पित व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित करते हैं।
जहां संत कबीर हथकरघा पुरस्कार में 3.5 लाख की नकद राशि, स्वर्ण पत्र, ताम्रपत्र, शॉल और मान्यता पत्र दिया जाता है, वहीं राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार में 2 लाख की नकद राशि, ताम्रपत्र, शॉल और प्रमाणपत्र दिया जाता है।