स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल व सचिव अमित कटारिया ने वाहनों का अवलोकन किया। वाहनों को वेयरहाउस से अस्पताल पहुंचने तक ट्रैक भी किया जा सकता है। यही नहीं, पारदर्शिता के लिए इसे अपने वेबपोर्टल से लिंक किया है ताकि कोई भी गाड़ियों की लोकेशन को देख सके। जायसवाल ने
विधानसभा में घोषणा की थी कि सभी वाहनों को जीपीएस से लैस किया जाएगा, ताकि उनकी सही लोकेशन और सही समय का हमेशा पता चलता रहे। वाहनों में अत्याधुनिक जीपीएस लगाया गया है।
इसकी खासियत है कि जहां नेटवर्क नहीं रहता वहां लोकेशन और रूट को रेकॉर्ड कर बाद में दिखाता है। इससे गड़बड़ी या देरी की कोई गुंजाइश नहीं रहती। मौके पर मंत्री, अध्यक्ष दीपक हस्के व सचिव ने वाहनों की गुणवत्ता, दवाइयों के स्टोरेज, वातानुकूलित व्यवस्था और मांगपत्र लेकर रवाना हो रहे ड्राइवरों की कार्य शैली को देखा। साथ ही वेबसाइट पर इस वाहनों की रियल टाइम लोकेशन भी देखी। अधिकारियों का कहना है कि कॉर्पोरेशन दवाइयों की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए वातानुकूलित सप्लाई चैन वाहनों के जरिए दवाइयों, कंज्यूमेबल सामान व रीजेंट्स को पूरे राज्य में पहुंचाया जाता है। हालांकि दावे के बाद भी कई दवा, इंजेक्शन, किट व ब्लेड घटिया निकल रहे हैं। इससे मरीजों की जान पर खतरा बना रहता है।
सुरक्षा के अनुसार दवाइयों का स्टोरेज
एसी वाहनों की खास बात है कि ये प्रोडक्ट क्वालिटी व दवाइयों की क्षमता को बरकरार रखते हैं। इसमें टेंपरेचर सेंसेटिव दवाइयों को अच्छे तरीके से रखा जाता है ताकि दवाइयों का टेंपरेचर नियंत्रण में रहे और वो खराब न हों। इनमें सुरक्षा के अनुसार दवाइयों का स्टोरेज होता है। इसकी वजह से प्राप्तकर्ता के पास सुरक्षित तरीके से दवाइयां पहुंचती हैं। सीजीएमएससी के इन वाहनों द्वारा वैक्सीनेशन और आपातकालीन कार्यक्रमों के संचालन में अहम भूमिका निभाई जाती है। प्रदेश के 33 जिलों के अस्पतालों के लिए वर्तमान में केवल 16 वेयर हाउस है। कॉर्पोरेशन की एमडी पद्मिनी भोई साहू ने वेयर हाउस की संया बढ़ाने की मांग मंत्री जायसवाल से की। मंत्री ने संया बढ़ाने का आश्वासन दिया है। कई बार गर्मी के सीजन में दूरदराज के अस्पतालों में दवाइयों पहुंचाने के दौरान टेंपरेचर मेंटेन नहीं रहता। इससे इसकी क्वालिटी प्रभावित रहने की आशंका रहती है।