रायगढ़ जिले में विगत सप्ताहभर से अच्छी बारिश नहीं हो रही थी। हालांकि बीच-बीच में बूंदाबांदी हो रही थी, लेकिन फिर धूप निकल जाने के कारण मौसम में गर्मी व उमस बढ़ गया था। सोमवार की दोपहर कुछ देर के लिए बारिश हुई, लेकिन कुछ ही देर बाद धूप निकल जाने से गर्मी बढ़ गई। मंगलवार की सुबह से ही आसमान में बादल हुए थे। इससे मौसम में काफी उमस था। वहीं शाम होते ही आचानक मौसम में बदलाव हुआ और झमाझम बारिश हुई। इससे गर्मी से राहत मिली है।
आज भी बारिश की संभावना
मौसम विभाग का कहना है कि एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है, जो 24 घंटे में और अधिक प्रबल होने की संभावना है। इसके पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए ओडिशा की तरफ जाने की संभावना है। इससे अच्छी बारिश हो सकती है। वहीं एक मानसून द्रोणिका मध्य समुद्र तल पर बीकानेर, जयपुर, दतिया, सीधी, झारसुगुड़ा, पुरी, उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में स्थित निम्न दाब के केंद्र तक बना हुआ है, इससे तीन सितंबर को जिले के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के साथ गरज-चमक व छींटे पड़ने की संभावना है। साथ ही जिले के कुछ जंगली क्षेत्रों में गरज चमक के साथ वज्रपात होने और भारी वर्षा होने की संभावना है। इससे बारिश के दौरान लोगों को सुरक्षित जगह पर ही रहने की जरूरत है।
सेहत का रखें ध्यान
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बचने के लिए खान-पान के साथ बारिश से बचने की जरूरत है, साथ ही अगर किसी को सर्दी-बुखार की शिकायत हो तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में जांच कराए, ताकि समय से उपचार हो सके। वहीं इन दिनों लोगों के ज्यादातर लोगों को तेज बूखार के साथ उल्टी शुरू हो जा रही है, इससे भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है, इससे इन दिनों अस्पतालों के बेड पर 80 प्रतिशत मरीज मौसमी बीमारी से पीड़ित होकर भर्ती हो रहे हैं। इससे सावधानी बेहद जरूरी है। धान फसल के लिए बारिश जरूरी
किसानों का कहना है कि धान फसल के लिए अभी जिले में अच्छी
बारिश की जरूरत है, क्योंकि अगर अभी से खेतों में पानी नहीं रहेगा तो पैदावार पर असर पडे़गा। हालांकि अभी तक धान फसल में बाली नहीं आई है। इससे करीब माहभर का समय और बाली आने में लग सकता है, इससे पानी की बेहद आवश्यकता है। साथ ही कई किसान अब सब्जी की नई फसल लगाने की तैयारी में जुट गए हैं, जिसको लेकर जैसे ही बारिश बंद होगा, तो नई फसल की तैयारी शुरू होगी।