यह प्लांट प्रतिदिन 1 लाख लीटर पेयजल उत्पादन की क्षमता वाला होगा, जिससे प्रयागराज जंक्शन समेत पूरे क्षेत्र के नौ प्रमुख रेलवे स्टेशनों और फूड प्लाजा में हर रोज 22,000 लीटर से अधिक रेल नीर की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
गर्मियों में होती है पानी की किल्लत अभी प्रयागराज में रेल नीर की आपूर्ति मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित मनेरी प्लांट से ट्रकों द्वारा होती है, लेकिन गर्मी के मौसम में मांग बढ़ने पर पानी की कमी हो जाती है और विकल्प के तौर पर अन्य ब्रांड्स का उपयोग किया जाता है। इस नई परियोजना से यह समस्या खत्म हो जाएगी।
2.5 एकड़ में बन रहा रेल नीर प्लांट, 25 करोड़ का निवेश इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने 2.5 एकड़ भूमि आवंटित की है और इसमें 25 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यात्रियों को स्वच्छ, उच्च गुणवत्ता वाला पानी उपलब्ध कराना है, जिससे जलजनित बीमारियों की रोकथाम हो सके।
इस संयंत्र के शुरू होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। बिस्लेरी और केम्को भी करेंगी बड़ा निवेश सरस्वती हाईटेक सिटी में ही बिस्लेरी को 13 एकड़ जमीन आवंटित की गई है, जिसमें कंपनी लगभग 270 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। वहीं, केम्को नामक कंपनी को भी 13 एकड़ जमीन दी गई है जो पानी की बोतलों के लिए कच्चा माल तैयार करेगी। केम्को का अनुमानित निवेश 200 करोड़ रुपये है।
यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक संतोष कुमार ने बताया कि तीनों कंपनियों का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने वाला है। जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया चल रही है, जिसके पूर्ण होते ही निर्माण की गतिविधियां तेज हो जाएंगी।
प्रयागराज क्षेत्र के रेलवे स्टेशनों के लिए यह परियोजना न केवल स्वच्छ पेयजल की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और उद्योग के नए द्वार भी खोलेगी।