कैसे दिया वारदात को अंजाम?
कर्नलगंज निवासी परमेश्वर नाथ गोस्वामी के घर 30 जुलाई की दोपहर तीन लोग पहुंचे। वे सामान ठीक करने के लिए आवाज लगा रहे थे। घरवालों ने उन्हें अंदर बुला लिया और आलमारी का लॉक दिखाया। दो लोग अंदर आकर लॉक सुधारने लगे और तीसरा बाहर खड़ा रहा। करीब 15 मिनट में उन्होंने बताया कि लॉक ठीक हो गया है और कहा कि आधे घंटे बाद खोलना। जब घरवालों ने कुछ देर बाद आलमारी खोली, तो उसमें रखे करीब 40 लाख के गहने गायब थे। इसके तुरंत बाद पुलिस को सूचना दी गई।
कैसे पकड़े गए आरोपी?
कर्नलगंज थाना और एसओजी नगर की टीम ने मिलकर जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसमें तीनों बदमाश सिर पर पगड़ी बांधे नजर आए। गुरुवार देर रात आईईआरटी तिराहा के पास तीन संदिग्ध पकड़े गए। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम रोमी सिंह, राज सिंह और जसपाल सिंह बताए। पुलिस के मुताबिक, रोमी जसपाल का साला है और राज, रोमी का चचेरा भाई है। तीनों मध्य प्रदेश के धार जिले के रहने वाले हैं। चार दिन पहले ही प्रयागराज आए थे और स्टेशन के पास एक लॉज में कमरा लेकर रुके थे। दो साइकिल किराये पर ली और गली-गली घूमकर लोगों को चाबी बनाने और लॉक सुधारने के नाम पर ठगने लगे।
क्या-क्या मिला पुलिस के हाथ?
तीनों के पास से चोरी किए गए लाखों के गहनों के अलावा, सात रेती, दो हथौड़ी, दो प्लास, तीन पेचकस, दो छेनी, दो कैचर, दो लॉक और करीब 300 अधबनी चाबियां बरामद हुईं। बरामद जेवरों में अंगूठियां, हार, मंगलसूत्र, टप्स, बाली, सिक्के, बेल पत्र और अन्य कीमती गहने शामिल हैं।
पुलिस की अपील
पुलिस का मानना है कि यह गैंग और भी कई वारदातों को अंजाम दे चुका है, जिसकी जांच जारी है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि ऐसे फेरी वालों से सावधान रहें जो घर-घर जाकर चाबी बनाने या लॉक सुधारने का दावा करते हैं। बिना पहचान पत्र और भरोसे के किसी को भी घर के अंदर प्रवेश न दें।