हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में क्या कहा?
हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि संगठित अपराध को रोकने के लिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 111 है। ये धारा संगठति अपराध को परिभाषित और दंडित करती है। बीएनएस की ये धारा इस धारा के अंतर्गत अपहरण, डकैती, वसूली, साइबर अपराध, मानव तस्करी, सुपारी किलिंग, भूमि कब्जा और अवैध कारोबार जैसे गंभीर अपराधों को शामिल किया गया है। अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जब बीएनएस में संगठित अपराध को रोकने के लिए कठोर प्रावधान हैं तब इसके लागू होने के बाद गैंगस्टर एक्ट लागू करना तार्किक नहीं है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि गैंगस्टर एक्ट का दुरुपयोग अक्सर देखा गया है। पहले भी कोर्ट ने इस कानून के तहत गैंग चार्ट तैयार करने में अनियमितताओं पर चिंता जताई थी और अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का आदेश दिया था।हाल ही में, कोर्ट ने गैंग चार्ट की मंजूरी में डीएम की ओर से बिना उचित विचार के मंजूरी देने पर आपत्ति जताई थी। ये नियम 16, 2021 का उल्लंघन है।
आधारभूत मामलों में बरी होने पर रद्द करने का फैसला सुनाया
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कानून का उद्देश्य निर्दोषों को परेशान करना नहीं, बल्कि संगठित अपराध पर नियंत्रण करना है। यह मामला उस समय और महत्वपूर्ण हो गया, जब कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही को आधारभूत मामलों में बरी होने पर रद्द करने का फैसला सुनाया।