Pratapgarh: चेतावनी भी अनसुनी… सरकारी स्कूल के जर्जर कमरे की छत गिरी, जनहानि नहीं, लेकिन छात्रों में भय
प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय स्थित एक उच्च माध्यमिक विद्यालय के कमरे की छत की पट्टियां टूट कर गिरने से हड़कंप मच गया। रात में हादसा होने से कोई जनहानि नहीं हुई। नीमच नाका राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पांच वर्ष से खाली पड़े कमरे की छत की पट्टियां ढह गई।
मानसून के दौरान सरकारी स्कूलों और अन्य विभागों के जर्जर भवनो में हादसों का अंबार बढ़ता ही जा रहा है। प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय स्थित एक उच्च माध्यमिक विद्यालय के कमरे की छत की पट्टियां टूट कर गिरने से हड़कंप मच गया। रात में हादसा होने से कोई जनहानि नहीं हुई। नीमच नाका राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पांच वर्ष से खाली पड़े कमरे की छत की पट्टियां ढह गई। इसकी सूचना पर प्रधानाचार्य स्कूल पहुंची। जहां मौका-मुआयना किया गया। वहीं मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया।
विद्यालय प्राचार्य संगीता शर्मा ने बताया कि यह कमरा गत पांच वर्ष से खाली है। इसमें किताबें, साइकिलें व अन्य सामग्री रखी जाती है। उन्हें रविवार सुबह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने सूचना दी कि जो कमरा पांच वर्ष से खाली पड़े कमरे की छत की पट्टियां ढह गई है। इस पर वह स्कूल पहुंची। जहां ताला खोला गया। जहां देखा तो इस कमरे छत पर डाली गई पट्टियां ढह गई थी। कमरे में रखा फर्नीचर भी क्षतिग्रस्त हो गया। कमरे में रखी स्टेशनरी और किताबों को भी नुकसान पहुंचा है। इस मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई।
गत सप्ताह ही कराया था सर्वे
यहां स्कूल का जिला कलक्टर के निर्देश पर टीम की ओर से गत सप्ताह ही सर्वे कराया गया था। जिसमें इस कमरे को भी नकारा घोषित किया गया था। वहीं लोगों ने इस कमरे को जमींदोज करने की कार्रवाई करने की मांग की है।
सर्वे में नाकारा किया था घोषित
शिक्षा विभाग ने बीते दिनों ही सर्वे कर भवन को जर्जर घोषित किया था और कमरे की जर्जर हालत को देखते हुए हादसे की आशंका भी जताई थी। हालांकि कमरा पिछले 5 साल से बंद पड़ा था और रात में हादसा घटित हुआ जिसके चलते जनहानि नहीं हुई। वहींं विद्यालय में पढ़ाई के लिए आ रहे छात्र छात्राओं में भय व्याप्त है।
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