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प्रतापगढ़

प्रतापगढ़ में 2 हजार हैक्टेयर में होगी प्राकृतिक खेती, पहले चरण में 5000 किसानों को मिलेगा लाभ

राजस्थान में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

प्रतापगढ़May 11, 2025 / 05:25 pm

Santosh Trivedi

Rajasthan farmer news
प्रतापगढ़। राजस्थान में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत इसी मानसूनी सीजन से प्रदेश के सभी जिलों में प्राकृतिक खेती कराने की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर जहां विभाग की ओर से सभी जिलों को लक्ष्य भी आवंटित किए जा चुके है। इसके साथ ही प्रतापगढ़ जिले में भी तैयारियां शुरू दी गई है। जिले में पांच हजार किसान और दो हजार हैक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है।
गौरतलब है कि गत वर्षों से लगातार रासायनिक खेती से जहां खाद्यान्न की गुणवत्ता में कमी हो रही है। इसके साथ ही उत्पादन भी प्रभावित होने लगा है। इसे देखते हुए कृषि विभाग की ओर से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का कार्य शुरू किया गया है। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत इस साल प्रदेश के कई जिलों में इस प्रकार की खेती की शुरुआत की जाएगी। प्रतापगढ़ जिले की कुल 2०00 हैक्टेयर भूमि में प्राकृतिक खेती करने के लिए पांच हजार किसानों को चुना गया है। इसके लिए विभाग ने दो से तीन गांवों का क्लस्टर बनाया गया हैं। प्रत्येक क्लस्टर में कुल 125 किसान शामिल होंगे। जिले में कुल 40 क्लस्टर बनाए जाएंगे।

यह की जा रही विभाग की तैयारियां

एक किसान को ०.4 हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। एक साथ ज्यादा भूमि पर एक साथ प्राकृतिक खेती से उत्पादन प्रभावित होगा। इसलिए इसकी शुरुआत कम क्षेत्रफल से की जा रही है। इसका उद्देश्य किसान की कुछ कृषि भूमि को प्राकृतिक खेती के योग्य बनाना है। देश के सभी राज्यों में शुरू की जाने वाली इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान को सबसे ज्यादा लक्ष्य दिया गया है। राज्य में 90 हजार हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जाएगी। देशभर में साढ़े सात लाख हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। आगामी वित्तीय वर्ष में इस पर 1584 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

जिले में ऐसे लागू होगी योजना

40 क्लस्टर बनेंगे जिले में

50 हैक्टेयर का एक क्लस्टर होगा

एक क्लस्टर में 125 किसान सदस्य होंगे

60 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि केन्द्र सरकार देगी
40 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि राज्य सरकार देगी

कोई भी उपज कर सकेंगे

किसान इस योजना के तहत कोई भी फसल या सब्जी का उत्पादन कर सकेंगे। किसान की भूमि का एक भाग प्राकृतिक खेती के लिए तैयार किया जाएगा। कृषि विभाग की ओर से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत जिले की कुल 2०00 हैक्टेयर भूमि में प्राकृतिक खेती की जाएगी। सोलर बेस्ट माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट से किसानों को कई लाभ मिलेंगे।

किसानों को दिया जाएगा प्राकृतिक खेती का ज्ञान

इन सभी गांवों में प्राकृतिक तरीके से मक्का, सोयाबीन, उड़द आदि फसल की खेती की जाएगी। इस प्रकार की खेती से उन्हें किस्म के बीज, बायो फर्टिलाइजर के साथ देसी खाद उपलब्ध हो सकेगा। योजना के तहत हर पंचायत में क्लस्टर समूह सभी किसानों को प्राकृतिक खेती का ज्ञान देगें। साथ ही इसके लाभ के बारें में बताएंगे।

इस तरह होगा प्राकृतिक खेती से लाभ

प्रतापगढ़ जिले के अधिकाश किसान को खेती करने के लिए बारिश पर निर्भर रहना पड़ता हैं। प्राकृतिक खेती से किसानों को पानी के लिए अब मानसून पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसके लिए जल संसाधन विभाग द्वारा सोलर बेस्ट माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट के तहत 19 करोड़ रुपए की लागत से डेम बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के अतंगर्त सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर पानी को आसानी से पंप किया जा सकेगा। माइक्रो सिंचाई टेक्नीक से ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई से फसलों को पानी दिया जा सकेगा। इससे कम पानी में ज्यादा एरिया की भूमि में सिंचाई हो सकेगी।

रासायनिक खेती से छूटकारा

जिले में भी प्राकृतिक खेती के लिए पांच हजार किसानों और दो हजार हैक्टेयर का लक्ष्य मिला है। इस आधार पर किसानों का चयन करने की तैयारी की जा रही है। जिसमें किसानों को रसायनिक खेती से छुटकारा मिल सकेगा। एक किसान को ०.4 हैक्टेयर भूमि पर इसकी शुरुआत की जाएगी। इसी मानसून सत्र से यह योजना शुरू कराई जाएगी।
बंशीधर मीणा, संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़

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