Tariff में मिले अरबों डॉलर का क्या करेंगे Trump, क्या बदल पाएगी कर्ज में डूबे अमेरिका की तस्वीर?
Tariff Collection in US: अमेरिका ने जुलाई महीने में 30 अरब डॉलर का टैरिफ रेवेन्यू कलेक्ट किया है। यह एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 242% अधिक है।
अमेरिका के टैरिफ रेवेन्यू में जबरदस्त इजाफा हुआ है। (PC: Gemini)
मुश्किल से ही कोई दिन ऐसा जाता होगा, जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी सरकार द्वारा रिकॉर्ड टैरिफ रेवेन्यू कलेक्शन की डींग न मारते हों। हाल ही में ट्रंप ने टैरिफ रेवेन्यू का जिक्र करते हुए कहा था, “हमारे पास इतना अधिक पैसा आ रहा है, जितना इस देश ने कभी नहीं देखा।” वास्तव में, ट्रंप सही कर रहे हैं। अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने पिछले महीने टैरिफ रेवेन्यू में लगभग 30 बिलियन डॉलर कलेक्ट किये हैं। यह पिछले साल जुलाई की तुलना में टैरिफ रेवेन्यू में 242% की ग्रोथ है।
अप्रैल में ट्रंप ने लगभग सभी सामानों पर न्यूनतम 10% टैरिफ लगाना शुरू किया था। इसके बाद कई अन्य सख्त टैरिफ लगाए गए। इन सब के चलते अमेरिका ने कुल 100 बिलियन डॉलर का टैरिफ रेवेन्यू कलेक्ट किया है। यह पिछले साल के इन्हीं चार महीनों में कलेक्ट की गई राशि का तीन गुना है।
तो आखिर अमेरिका इस पैसे का क्या कर रहा है?
ट्रंप ने दो विकल्पों के कॉम्बिनेशन का प्रस्ताव दिया है: सरकार के खरबों के कर्ज का भुगतान करना और अमेरिकियों को “टैरिफ रिबेट चेक्स” भेजना। ट्रंप ने मंगलवार को कहा, “मैं जो कर रहा हूं, उसका उद्देश्य मुख्य रूप से कर्ज चुकाना है, जो कि बहुत बड़ी मात्रा में होगा। लेकिन मुझे लगता है कि यह भी एक संभावना है कि हम इतना पैसा कमा रहे हैं कि हम अमेरिका के लोगों को डिविडेंड भी दे सकते हैं।”
अमेरिकियों को क्या लगता है?
कम से कम अभी तक तो दोनों में से किसी उद्देश्य पर काम नहीं हुआ है। इसलिए कई अमेरिकियों को ऐसा लग सकता है कि टैरिफ से आ रहे अरबों-खरबों डॉलर, जो मुख्य रूप से विदेशी सामानों का आयात करने के लिए शुरुआती बिलों का भुगतान करने वाले अमेरिकी व्यवसायों की जेब से आ रहे हैं, धूल फांक रहे हैं।
सरकारी खजाने में टैरिफ रेवेन्यू का क्या होता है?
सरकार को साधारण करों या टैरिफ के माध्यम से मिलने वाला कोई भी राजस्व ट्रेजरी विभाग द्वारा प्रबंधित एक सामान्य कोष में जाता है। ट्रेजरी इस कोष को “अमेरिका की चेकबुक” कहती है, क्योंकि इसका उपयोग सरकार के बिलों का भुगतान करने के लिए किया जाता है, जैसे कि सोशल सिक्योरिटी पेमेंट्स।
अमेरिका पर है 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज
जब सरकार का राजस्व उसके बिलों से कम हो जाता है, यानी वह बजट घाटे में चली जाती है, तो उस अंतर को पूरा करने के लिए पैसे उधार लिये जाते हैं। कुल मिलाकर, अमेरिकी सरकार पर 36 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का कर्ज है, जो इसे चुकाना है। यह एक ऐसी राशि है, जो लगातार बढ़ रही है। कई अर्थशास्त्रियों ने इस बढ़ते कर्ज पर भारी चिंता जताई है। अर्थशास्त्री दावा कर रहे हैं कि यह कर्ज आर्थिक विकास पर भारी पड़ रहा है।
अमेरिका को चुकना पड़ता है भारी ब्याज
ऐसा इसलिए है, क्योंकि अमेरिकी सरकार को अपने कर्जों पर ब्याज का भुगतान करना पड़ता है। सरकार जितना अधिक उधार लेती है, उसे उतना ही अधिक ब्याज चुकाना पड़ता है। यह एक बड़ा खर्च है। इस समय कलेक्ट किया जा रहा टैरिफ रेवेन्यू सरकार के चालू वित्त वर्ष के लिए चल रहे 1.4 ट्रिलियन डॉलर के बजट घाटे को खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं है। हालांकि, टैरिफ कलेक्शन ने घाट को कम जरूर किया है। इसका मतलब है कि सरकार को उतना पैसा उधार लेने की आवश्यकता नहीं है, जितना कि वह टैरिफ रेवेन्यू के बिना लेती।
अमेरिका में बढ़ेगी महंगाई
अमेरिकी सरकार द्वारा प्रकाशित हालिया महंगाई रिपोर्टों से पता चलता है कि उपकरण, खिलौने, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य सामान जो टैरिफ परिवर्तनों के प्रति संवेदनशील हैं, महंगे हो रहे हैं। वहीं, वॉलमार्ट और प्रॉक्टर एंड गैंबल सहित कई कंपनियां आगामी मूल्य वृद्धि की चेतावनी दे रही हैं। कई आर्थिक सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता ने व्यवसायों को अधिक श्रमिकों को काम पर रखने से भी रोक दिया है, जिससे नौकरी के अवसर कम हो गए हैं।
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