
स्थानीय लोंगों की समस्या
स्थानीय नागरिक मंच के संयोजक का कहना है कि, यहां से रीवा मुख्यालय जाने में पूरा एक दिन लग जाता है। छोटे-बड़े कामों के लिए 100-150 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। लेकिन अब जनता का सब्र टूट रहा है।
अब व्यापक आंदोलन की तैयारी
त्यौंथर (Teonthar) को जिला बनाने की मांग लंबे समय से की जाती रही है। 2023, 2024 में भी यह मांग तेज हुई थी, लेकिन, स्थानीय लोगों के मुताबिक राजनीतिक रोटियां सेकने वाले इस मांग को आगे ही नहीं बढ़ने देते। अब 2025 में फिर से आंदोलन शुरू किया है। लेकिन अब भी उनकी मांग नहीं सुनी गई तो जल्द ही व्यापक स्तर पर आंदोलन कर त्योंथर को जिला बनाने के प्रयास तेज किए जाएंगे।

क्यों उठ रही त्यौंथर को जिला बनाने की मांग
दरअसल त्यौंथर क्षेत्र भौगोलिक रूप से रीवा मुख्यालय से 65-70 किमी की दूरी पर है। यहां लोगों को छोटे-छोटे कामों के लिए रीवा जाना पड़ता है। सड़क और परिवहन व्यवस्थाओं के अभाव में ये दूरी पूरी करना स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि त्यौंथर को जिला घोषित कर दिया जाए, तो प्रशासनिक कामकाज में आसानी हो जाएगी। विकास की रफ्तार तेज होगी और रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे।
त्यौंथर का ऐतिहासिक-राजनीतिक महत्व (Teonthar Political Importance)
त्यौंथर सिर्फ एक तहसील नहीं है, बल्कि ये विंध्य की सांस्कृतिक धड़कन है। यहां का ऐतिहासिक किला और बाणसागर परियोजना इस इलाके के महत्व को और बढ़ा देते हैं। वहीं राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो, यह क्षेत्र बेहद संवेदनशील है। यहां के विधायक और सांसद मध्यप्रदेश की राजनीति को प्रभावित करते रहे हैं। वहीं राजनीतिक एक्सपर्ट मानते हैं कि यदि त्यौंथर जिला बनता है, तो रीवा के राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।
सरकार की चुप्पी
हालांकि, सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार फिलहाल जिले पुनर्गठन पर अध्ययन कर रही है। वहीं चुनावी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए जल्द ही कोई बड़ा फैसला कर सकती है।
सितंबर 2023 में कांग्रेस नेता ने खून से लिखा सीएम को पत्र
बता दें कि कांग्रेस नेता धर्मेश शुक्ला ने त्यौंथर तहसील को जिला बनाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खून से पत्र लिख दिया था। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया था। कांग्रेस नेता ने इस पत्र में लिखा था…
2024 में फिर गरमाया मामला
2024 में भी त्योंथर को जिला बनाने की मांग को लेकर राष्ट्र रक्षा जिला निर्माण मंच के बैनर तले तीन दिन तक आमरण अनशन किया गया था। 15 नवंबर से 17 नवंबर 2024 की शाम 6:00 बजे तक बड़ी संख्या में जिला निर्माण मंच के कार्यकर्ता इस अनशन में शामिल हुए थे।अगर त्यौंथर जिला बनता है तो ऐसा हो सकता है संभावित ढांचा
मुख्यालय- त्यौंथर नगर ( वर्तमान में रीवा जिले की सबसे बड़ी और पुरानी तहसील)
संभावित तहसीलें और ब्लॉक जो त्यौंथर जिले का हिस्सा हो सकते हैं…
1- त्योंथर (मौजूदा तहसील, सबसे बड़ा क्षेत्र और मुख्यालय के रूप में एकदम उपयुक्त)
2-हनुमना– (बाणसागर परियोजना और सोडा फैक्ट्री के कारण इसका आर्थिक महत्व है)
3- जवा- कृषि और खनिज संपदा के लिए मशहूर है, रीवा से दूरी के कारण अलग प्रशासनिक केंद्र की आवश्यकता पूरी करता है।
त्यौंथर की भौगोलिक स्थिति
उत्तर में- उत्तर प्रदेश की सीमा (प्रयागराज/मिर्जापुर जिले के पास)दक्षिण में- रीवा मुख्यालय की ओर
पूर्व में- सीधी जिले की सीमा
पश्चिम में- रीवा के अन्य ग्रामीण इलाके नोट- इस तरह त्यौंथर जिला रीवा, सीधी और यूपी की सीमाओं के बीच एक बफर जिला बन सकता है।
अगर त्यौंथर जिला बन जाए तो क्या होंगे फायदे
-1- बाणसागर परियोजना के कारण सिंचाई और जलविद्युत को बढ़ावा मिलेगा।
-2- यूपी से सीधे कनेक्टिविटी होने से व्यापार और परिवहन में तेजी आएगी।
-3- रीवा-सीधी पर दबाव कम होगा और प्रशासनिक कामकाज में आसानी होगी।
-4- शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थानों को जिला स्तर पर मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
वर्तमान सीएम मोहन यादव के कार्यकाल में ये तहसीलें बन सकती हैं जिला
-1- सागर जिले के बीना को-2- छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव को
-3- पिपरिया को नर्मदापुरम से अलग कर जिला बनाया जा सकता है।
-4- विदिशा से सिरोंज को अलग कर नया जिला बनाया जा सकता है।
-5- यदि त्यौंथरवासियों की मांग मानी गई तो, इसे भी रीवा से अलग कर एक नया जिला घोषित किया जा सकता है।
एमपी के पुनर्गठन से लेकर अब तक कितने जिले बने, पढ़ें रोचक फैक्ट्स
–1956 में पुनर्गठन के समय कुल जिले- 43–1972 में 2 नए जिले बनाए गए- भोपाल (सीहोर से) और राजनांदगांव (दुर्ग से)- अब कुल- 45 जिले