दुनिया में 300,000 लोग डूबने से मरे (global drowning statistics)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2021 में लगभग 300,000 लोग डूबने की वजह से मारे गए, जो आकस्मिक मृत्यु का तीसरा बड़ा कारण है। इनकी तुलना में संक्रामक बीमारियों से मौतों का प्रतिशत देखें तो यह आंकड़ा डरावना रूप ले लेता है- यह अनुमानित रूप से रोगों जैसे मलेरिया से होने वाली वार्षिक मौतों का लगभग 85% है।कुछ देशों में डूबने की वार्षिक स्थिति (उपलब्ध डेटा आधारित)
यूएसए: बच्चों (1–14 वर्ष) में डूबना अवांक्षित चोट से होने वाली मौतों में दूसरा प्रमुख कारण है।यूरोप: EU में 2017 में लगभग 5,100 मौतें हुईं; इनमें सबसे अधिक Latvia (5.6 प्रति 100,000) और लिथुआनिया में (4.8) में हुईं। अन्य: विश्व स्तर पर प्रति वर्ष लगभग 175,000 बच्चे डूब कर मरते हैं, जिनमें से 50% से अधिक की उम्र 5 वर्ष से कम होती है।
भारत में 38,500 लोगों की डूबने की वजह से मौत हुई (monsoon drowning India)
वर्ष 2022 में NCRB के अनुसार वर्ष 2022 में भारत में लगभग 38,500 लोगों की मौत डूबने की वजह से हुई,, जो सभी आकस्मिक मौतों में 9.1% हिस्सा था। इनमें सबसे ज्यादा घटनाएं नदियों और तालाबों में दर्ज की गईं। मानसून के दौरान यह खतरा और भी बढ़ जाता है, खासकर ग्रामीण इलाकों और बच्चों के लिए।प्रमुख राज्यों की स्थिति
मध्य प्रदेश: 5,427 मौतें। महाराष्ट्र: 4,728 मौतें। उत्तर प्रदेश: 3,007 मौतें। कर्नाटक: 2,827 मौतें। राजस्थान, पंजाब, बंगाल, छत्तीसगढ़, तेलंगाना सहित अन्य राज्यों में भी हजारों मौतें दर्ज हुईं।मानसून के दौरान बच्चों के डूबने की घटनाएं लगभग 58% तक बढ़ गईं
बिहार में किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया कि मानसून के दौरान बच्चों के डूबने की घटनाएं लगभग 58% तक बढ़ जाती हैं। इसका मुख्य कारण है जलाशयों के आसपास सुरक्षा उपायों की कमी, जैसे कि लाइफगार्ड, चेतावनी संकेत और स्थानीय जागरूकता कार्यक्रम।वैश्विक परिप्रेक्ष्य – दुनिया में डूबने की घटनाएँ
समय रहते सरकार और स्थानीय निकाय जलाशयों के किनारे बचाव इंतजाम और जागरूकता अभियान चलाएं, तो इन मौतों को काफी हद तक रोका जा सकता है।क्षेत्रवार विभाजन (WHO रिपोर्ट, 2021)
90% से अधिक डूबने वाले मामले निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होते हैं। क्षेत्रीय रूप से वेस्टर्न पैसिफिक और साउथ-ईस्ट एशिया में सर्वाधिक मौतें होती हैं — प्रत्येक क्षेत्र में लगभग 28% विश्वव्यापी मैदानी आकस्मिक मौतें दर्ज होती हैं।रोकें और समझाएं
जोखिम कारक: 1 से 14 साल की उम्र के बच्चों में डूबना तीसरी सबसे बड़ी आकस्मिक मृत्यु का कारण है। यह असाधारण रूप से जोखिम भूखे, दूरदराज इलाकों और सूखाग्रस्त परिवारों में सबसे अधिक होता हैं।जहां निगरानी का कोई सिस्टम नहीं होता
बालकों, किशोरों और युवाओं में बारिश के दिनों में इतना जोश होता है कि लॉन्ग ड्राइव के बाद किसी जलाशय के पास जानाऔर वहां नहाने का उनमें पैशन होता है, इस जोश में उन्हें यह ध्यान नहीं रहता कि कहीं वे कोई ऐसी लापरवाही तो नहीं कर रहे, जो उनकी जान पर बन जाती है। कोई तैरते तैरते दूर निकल जाता है तो कोई गहराई में पहुंच जाता है। इसलिए सावधानी बहुत जरूरी है ।