पहले अध्याय में ही खामी, नक्शा भी गलत
हमारा राजस्थान पुस्तक में गलत जिलों की संख्या पहले ही अध्याय में है। ‘राजस्थान का परिचय’ नामक इस अध्याय में प्रदेश का नक्शा भी गलत छपा है। सात संभाग जरूर सही बताए गए हैं, लेकिन ये भी प्रदेश में तीन नए संभागों के आदेश वापस लेने पर अपने आप पुरानी संख्या पर आने से हुआ है, क्योंकि संभागों में बताए जिलों में भी नए जिलों को शामिल नहीं किया गया है।
पिछले सत्र में भी रही थी चूक
पुस्तक में ये चूक पिछले साल भी सामने आई थी। तब प्रदेश में 10 संभाग के साथ 51 जिले घोषित हो चुके थे। तब भी इसी पाठ में सात संभाग व 33 जिले छपे थे। इस बार भी वही गलती सामने आने पर साफ है कि राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल ने नई पुस्तक के नाम पर सिर्फ संस्करण वर्ष में ही बदलाव किया है। उसकी अध्ययन सामग्री पर ध्यान ही नहीं दिया।
उलझे सवालों के जवाब
पुस्तक में जिलों की संख्या गलत होने से शिक्षक गफलत में पड़ गए हैं कि आखिर उन्हें क्या पढ़ाएं। पाठ के अंत में राजस्थान में जिलों की संख्या पर पूछे गए सवाल ने भी उलझन बढ़ा दी है।कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान
गलत पढ़ाना नहीं पढ़ाने से भी बुरा है। इसलिए शिक्षा विभाग को पूरी पड़ताल के बाद ही पुस्तकों का प्रकाशन करवाना चाहिए। हमारा राजस्थान पुस्तक में जिलों की गलत संख्या शिक्षकों में असमंजस पैदा करने के साथ शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान है।दानसिंह बीरड़ा, शिक्षक व राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत प्रांतीय प्रतिनिधि