नाइट टाइम इकॉनमी का क्या है लक्ष्य?
राज्य सरकार की योजना है कि अगले सात वर्षों के भीतर पूरी तरह से लागू हो जाएगी। चालू कैलेंडर वर्ष के अंत तक हैदराबाद की रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था 8500 करोड़ रुपये तक रहने का अनुमान किया जा रहा है जबकि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इसे आगामी 7 वर्षों में (Night Time Economy) 26,011 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का अनुमान है। इस अनुमान का मतलब यह है कि राज्य की रात्रि अर्थव्यवस्था 20.4 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर्ज की जाएगी।
12 महीनों में नया एनटीई लागू होने की उम्मीद
नया एनटीई 12 महीनों में लागू किया जा सकता है। फिलहाल पहले तीन महीने में चारमीनार, गाचीबोवली और माधापुर जैसे क्षेत्रों में वीकएंड में गैर-मादक पेय पदार्थों पर केंद्रित होंगे। उसके बाद अगले तीन महीने में इसका विस्तार जुबली हिल्स और हाईटेक सिटी जैसे क्षेत्रों में पांच सितारा होटलों के आसपास शराब परोसने वाले बार और होटलों पर केंद्रित किए जाएंगे। उसके बाद अगले छह महीनों में एनटीई का विस्तार सभी चुनिंदा इलाकों में कार्यदिवसों को भी शामिल करने के लिए किया जाएगा।
आगामी 7 साल में 2.4 लाख नई नौकरियां पैदा होगीं
नाइटलाइफ़ की व्यवस्था में सुधार से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2031 तक 2.1-2.4 लाख नौकरियां पैदा होंगी। एनटीई में रोजगार के अवसर पैदा करने वाले अनुमानित क्षेत्रों में आतिथ्य, खुदरा, मनोरंजन, परिवहन और गतिशीलता, सुरक्षा और नागरिक बुनियादी ढांचा शामिल होंगे।
एनटीई की गतिविधियां 6 बजे शाम से 6 बजे सुबह तक चलेगी
एनटीई को शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे के बीच के व्यवसायों और गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया गया है। इस अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राज्य सरकार नाइट लाइफ कल्चर को विकसित करने के लिए नागरिकों की विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष जोर देगी।
मुंबई में एनटीई में 22 फीसदी का ग्रोथ
हैदाराबाद की तुलना में पिछले पांच वर्षों में मुंबई में एनटीई में 22% वृद्धि दर्ज की गई है। महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस प्रशासन की कुछ सीमित सुधारों के बाद मुंबई में पिछले 5 वर्षों में 7 लाख से अधिक नौकरियां सृजित हुईं। हैदराबाद शहर फिलहाल तेलंगाना के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 45-50% का योगदान देता है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2031 तक जीएसडीपी में हैदराबाद का नाइटलाइफ के विस्तार से एनटीई का योगदान 2.9-3.1% तक हो जाएगा।
किन इलाकों में होगा नाइट लाइफ का विस्तार
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत फिलहाल हैदराबाद के मुख्य क्षेत्रों गाचीबोवली, जुबली हिल्स, माधापुर, टैंक बंड और चारमीनार की पहचान की है। राज्य सरकार इसे शुरू करने से पहले शहर की पुलिस व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाने की दिशा में काम करेगी। यह भी योजना बनाई जा रही है कि पहचान किए गए इलाकों में रोजगार शुरू करने के लिए विशेष रात्रिकालीन परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।
रात में 2 बजे तक बसें और मेट्रो का परिचालन होगा
हैदराबार में अंतिम मील तक के समयावधि तक लोगों को आने जाने की सार्वजनिक सुविधा मुहैया कराई जाएगी ताकि नाइटलाइफ कल्चर को बढ़ावा मिल सके। इस दिशा में सबसे पहले हैदराबाद मेट्रो और तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम के नेटवर्क को रात 2 बजे तक संचालित करने की व्यवस्था की जाएगी। राज्य सरकार उबर, ओला और अन्य ट्रेवलिंग ऑपरेटरों के साथ साझेदारी भी कर सकती है। रात्रिकालीन ज़ोन के अंदर विशेष जियो-टैग्ड पिकअप और ड्रॉप साइट होंगी। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक राज्य विशेष मुख्य सचिव जयेश रंजन का कहना है कि “नाइट टाइम इकोनॉमी उन परियोजनाओं में से एक है जो हैदराबाद को लंदन, न्यूयॉर्क और बर्लिन के समकक्ष एक वैश्विक शहर के रूप में विकसित करेगा। हैदराबाद का एनटीई सुरक्षित और समावेशी होगा। महिलाओं के लिए नाइटलाइफ़ को सुलभ और सुरक्षित बनाने के लिए, “रात के समय बेहतर पुलिस व्यवस्था होगी।”
नाइट टाइम इकॉनमी से लंदन में 8% रोज़गार का सृजन
ब्रिटेन की राजधानी लंदन की रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रही है। वहां इसे ‘शाम की अर्थव्यवस्था’ भी कहा जाता है। इसमें शाम के 6 बजे के बाद होने वाले भोजन, मनोरंजन और सांस्कृतिक गतिविधियों से होने वाली आमदनी को नाइट टाइम इकॉनमी में शामिल किया जाता है। लंदन में रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था शहर की कुल आय में महत्वपूर्ण योगदान देती है। साइंसडायरेक्ट डॉटकाम के अनुसार, ब्रिटेन में यह लगभग 8% रोज़गार और कुल वार्षिक आय का 6% है।