गुजरात मॉडल की तर्ज पर होंगे थाने
प्रदेश के कई जिलों में स्थापित होने वाले बिजली थाने गुजरात मॉडल पर तैयार किए जाएंगे। बीते दिनों इसके लिए ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर और बिजली कंपनी के प्रतिनिधि मंडल ने गुजरात दौरा किया था।पहले चरण में इन शहरों में खोले जाएंगे थाने
पहले चरण में बिजली विभाग की ओर से इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में एक-एक बिजली थाने खोले जाएंगे। पहला थाना इंदौर के पोलोग्राउंड मुख्यालय और दूसरा थाना उज्जैन के ज्योतिनगर मुख्यालय में बनाया जाएगा। इसके लिए स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं।नहीं लेनी पड़ेगी पुलिस की मदद
बिजली थाने स्थापित होने के बाद बिजली चोरी और बकाया बिल की वसूली आसान हो जाएगी। इसके लिए बिजली कंपनियों को स्थानीय पुलिस की मदद नहीं लेनी पड़ेगी। बिजली थानों के शुरु होने से जल्द कार्रवाई होगी और कर्मचारियों पर हमले भी कम होंगे।
बता दें कि, बिजली थाने खोलने का मुख्य उद्देश्य बिजली चोरी को रोकना और बिल वसूली करना है। बिजली थाने के प्रस्ताव पर सीएम डॉ मोहन यादव ने पिछले महीने ही समीक्षा बैठक में मंजूरी दे दी थी।
एक थाने में इतने लोगों का होगा स्टाफ
बिजली थाने को तैयार करने में लगभग 25-30 लाख रुपए का खर्च आएगा। थाने में 10 लोगों का स्टाफ होगा। जिसमें एक टीआई, दो एएसआई, 5 पुलिसकर्मी, 1 कंप्यूटर ऑपरेटर और एक सहायक उप निरीक्षक होगा। साथ ही 50-50 फीसदी महिला-पुरुष कर्मचारी रखने की योजना है।हालांकि, गुजरात मॉडल की तर्ज पर एमपी में बिजली थाने खोलने के लिए साल 2021 में भी प्रस्ताव तैयार हुआ था। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दो बार सभी जिलों में थाने खोलने का प्रयास किया, मगर मंत्रियों की आपत्ति के बाद प्रस्ताव रद्द करना पड़ा। मंत्रियों ने इस पर सफाई दी थी कि बिजली थाने में बिजली चोरी का मामला दर्ज होने से वोट बैंक पर बड़ी सेंध लग सकती है।