सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाने और उन्हें डॉग शेल्टर्स में रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि आठ हफ्तों के भीतर यह कार्रवाई पूरी होनी चाहिए। कानूनी जानकारों का मानना है कि यह आदेश यूपी समेत देशभर के राज्यों के लिए एक नजीर बन सकता है।
हर 3.5 मिनट में एक व्यक्ति पर हमला
राजधानी लखनऊ की स्थिति तो और भी चिंताजनक है। स्वास्थ्य विभाग के विश्लेषण के मुताबिक यहां हर चार मिनट में एक व्यक्ति पर आवारा कुत्ता हमला करता है। अगर सभी जानवरों को मिलाकर देखें, तो हर 3.5 मिनट में एक इंसान जानवर के हमले का शिकार बन रहा है।
जुलाई 2024 में सिर्फ लखनऊ में 11,494 मामले दर्ज हुए
9,287 मामले आवारा कुत्तों के हमले
1,000 मामले पालतू कुत्तों के
515 मामले बिल्लियों के काटने के
601 मामले बंदरों के हमले के
अन्य जानवरों (घोड़े, गधे, चूहे) के 91 मामले
बंदर और बिल्लियां भी बड़ी चुनौती
जहां कुत्तों के हमले हर चार मिनट में हो रहे हैं, वहीं बंदर और बिल्लियां भी संकट का कारण हैं। औसतन हर घंटे एक बंदर या बिल्ली किसी व्यक्ति को घायल कर रही है। घोड़े, गधे और चूहे प्रतिदिन कम से कम तीन हमले कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह महज़ पशु कल्याण या कानून-व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि पब्लिक हेल्थ संकट है। रेबीज़ के मामलों में समय पर टीका न लगने पर जानलेवा खतरा बढ़ जाता है। यूपी में ग्रामीण इलाकों में अब भी कई जगह टीकाकरण सुविधाएं सीमित हैं।