पितृपक्ष मेला 6 से 21 सितंबर तक
पितृपक्ष मेला 2025 का आयोजन 6 सितंबर से 21 सितंबर तक गया में होगा। इसके अलावा पटना के पुनपुन में अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला भी होगा। अधिकारियों के मुताबिक दोनों स्थानों पर तैयारियां अंतिम चरण में हैं और यात्रियों के लिए अतिरिक्त इंतजाम भी किए गए हैं।
ऑनलाइन पूजा के लिए ई-पिंडदान सेवा
जो श्रद्धालु खुद यात्रा नहीं कर सकते, उनके लिए BSTDC ‘ई-पिंडदान’ सेवा उपलब्ध कराएगी। इसके तहत भारत और विदेश में रहने वाले भक्त 23,000 रुपये में पिंडदान करवा सकेंगे। यह सेवा विष्णुपद मंदिर, अक्षयवट और फल्गु नदी पर अनुष्ठान कराने की सुविधा देगी।
5 टूर पैकेज पेश किए गए
निगम ने कुल 5 टूर पैकेज पेश किए हैं, जिन्हें उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर बुक किया जा सकता है। इन पैकेजों में यात्रा, रहने की व्यवस्था, लंच-डिनर, पंडित और पूजा सामग्री शामिल है। कीमतें कैटेगरी और टाइम के अनुसार तय की गई हैं।
एक दिन का पैकेज
पटना–पुनपुन–गया–पटना एक दिन के पैकेज में 3 कैटेगरी हैं, जिनकी कीमत 14,450 रुपये से 30,650 रुपये तक है। इसमें उसी दिन यात्रा से वापसी और पिंडदान की सभी व्यवस्थाएं शामिल हैं।
दो दिन का पैकेज
गया में पिंडदान के बाद नालंदा–राजगीर घूमने के लिए एक रात-दो दिन का पैकेज भी उपलब्ध है, जिसकी कीमत 18,850 रुपये से 40,700 रुपये के बीच है। इसके अलावा, गया, बोधगया, राजगीर और नालंदा की यात्रा वाला दूसरा एक रात-दो दिन का पैकेज भी है, जिसकी कीमत 16,550 रुपये से 33,850 रुपये तक है।
देश-विदेश के लोग करा पाएंगे पिंडदान
BSTDC अधिकारियों ने बताया कि इन पैकेजों का उद्देश्य श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक यात्रा को अधिक सुलभ, आरामदायक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाना है। चाहे लोग गया आकर पिंडदान करें या ई-पिंडदान सेवा के जरिए दूर से अनुष्ठान संपन्न कराएं, निगम ने उनके लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन सेवाओं से न केवल बिहार के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि दुनिया भर के श्रद्धालु अपने पितरों के प्रति कर्तव्य निर्वहन में आसानी से शामिल हो सकेंगे।