जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुआ पद
सीपी राधाकृष्णन का संघ परिवार से पुराना नाता रहा है। वे तमिलनाडु बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से गहरा जुड़ाव रखते हैं। इससे पहले वे तेलंगाना और झारखंड के राज्यपाल व पुडुचेरी के उपराज्यपाल भी रह चुके हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए उनकी उम्मीदवारी जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद आई है।
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को प्रस्तावित है। अभी विपक्षी खेमे ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन एनडीए खेमे में राधाकृष्णन को लेकर उत्साह साफ दिख रहा है। जेडीयू के साथ-साथ चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने भी उनका समर्थन घोषित किया है।
वाईएसआर कांग्रेस भी राधाकृष्णन के पक्ष में
दिलचस्प बात यह है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस (YSRCP) ने भी राधाकृष्णन के पक्ष में समर्थन का ऐलान किया है। इससे साफ संकेत मिलता है कि एनडीए उम्मीदवार को न केवल अपने सहयोगियों का बल्कि बाहर से भी सहयोग मिल रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वाईएसआर कांग्रेस जैसे गैर-एनडीए दल का समर्थन मिलना राधाकृष्णन की जीत को लगभग सुनिश्चित कर देता है। फिलहाल विपक्षी पार्टियों के बीच किसी साझा उम्मीदवार को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
राधाकृष्णन का सार्वजनिक जीवन साफ-सुथरा
नीतीश कुमार ने कहा कि राधाकृष्णन का सार्वजनिक जीवन साफ-सुथरा रहा है और उनकी पहचान एक अनुभवी, विनम्र और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देने वाले नेता के रूप में है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए उपराष्ट्रपति संसदीय परंपराओं को मजबूत करेंगे और देशहित में अपनी भूमिका निभाएंगे।